नई दिल्ली, 14 अक्टूबर । केंद्र ने भारत के मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) डीवाई चंद्रचूड़ के नेतृत्व वाले सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम की सिफारिश पर कार्रवाई करते हुए मद्रास हाईकोर्ट में दो अतिरिक्त न्यायाधीशों की नियुक्ति के संबंध में एक अधिसूचना जारी की है।
राष्ट्रपति ने अधिवक्ता एन. सेंथिलकुमार और जी. अरुल मुरुगन को उनके संबंधित कार्यालयों का कार्यभार संभालने की तारीख से मद्रास हाईकोर्ट के न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया।
शुक्रवार को जारी अधिसूचना में कहा गया है कि भारत के संविधान के अनुच्छेद 224 के खंड (1) द्वारा प्रदत्त शक्ति का प्रयोग करते हुए राष्ट्रपति, एन. सेंथिल कुमार और जी. अरुल मुरुगन को उनके संबंधित कार्यालयों का कार्यभार ग्रहण करने की तारीख से वरिष्ठता के क्रम में दो साल की अवधि के लिए मद्रास हाईकोर्ट के अतिरिक्त न्यायाधीश के रूप में नियुक्त करते हुए प्रसन्न हैं।
मद्रास हाईकोर्ट के कॉलेजियम द्वारा 3 अगस्त 2022 को इन नामों के लिए अपनी सिफारिश भेजे जाने के बाद सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने उनकी नियुक्ति की सिफारिश की।
अधिवक्ता एन. सेंथिलकुमार का बार में 28 वर्षों से अधिक का अनुभव है। उन्हें सत्र न्यायालय और मद्रास हाईकोर्ट के समक्ष पेश होने का अनुभव है। वह संवैधानिक, आपराधिक, सेवा और नागरिक मामलों में प्रैक्टिस कर रहे हैं। वह आपराधिक और संवैधानिक कानून में विशेषज्ञ हैं। वह विभिन्न अवसरों पर विभिन्न पदों पर सरकार के पैनल में रहे हैं।
कॉलेजियम ने कहा था, ”उम्मीदवार अनुसूचित जाति का है। हाईकोर्ट के न्यायाधीश के रूप में उनकी नियुक्ति से हाशिए पर रहने वाले समुदायों का बेंच में प्रतिनिधित्व बढ़ेगा। उपरोक्त कारकों को ध्यान में रखते हुए, कॉलेजियम की सुविचारित राय है कि एन. सेंथिलकुमार मद्रास हाईकोर्ट में पदोन्नति के लिए उपयुक्त हैं।”
एडवोकेट जी. अरुल मुरुगन को बार में 24 वर्षों से अधिक का अनुभव है। वह मद्रास उच्च न्यायालय और विभिन्न न्यायाधिकरणों के समक्ष पेश हुए हैं। वह दीवानी, आपराधिक और रिट मामलों में विशेषज्ञ हैं।
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