N1Live National वक्फ बोर्ड की जमीन से जुड़ा विधेयक लाने से पहले बिहार की बदलती तस्वीर का अवलोकन करे केंद्र : नीरज कुमार
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वक्फ बोर्ड की जमीन से जुड़ा विधेयक लाने से पहले बिहार की बदलती तस्वीर का अवलोकन करे केंद्र : नीरज कुमार

Center should observe the changing picture of Bihar before bringing the bill related to Waqf Board land: Neeraj Kumar

पटना, 4 अगस्त। संसद के बजट सत्र में केंद्र सरकार वक्फ बोर्ड की आसीमित शक्तियों को लेकर एक विधेयक लाने की तैयारी में है। इसको लेकर जेडीयू नेता नीरज कुमार ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा कि केंद्र को बिहार की बदलती तस्वीर का अवलोकन करना चाहिए।

केन्द्र सरकार जल्द ही मौजूदा वक्फ एक्ट को संशोधन करने के लिए एक नया बिल लेकर आ सकती है। इस बिल के माध्यम से केंद्र सरकार वक़्फ़ बोर्ड के असीमित अधिकार पर लगाम लगाने की तैयारी कर रही है। जेडीयू नेता नीरज कुमार ने आईएएनएस से बात करते हुए बताया कि केंद्र सरकार के द्वारा बजट सत्र में वक़्फ़ बोर्ड के लिए एक विधयेक लाने की बात रही है। जिसका प्रारूप अभी तक प्राप्त नहीं है।

जेडीयू नेता नीरज कुमार ने बताया, “बिहार जैसे राज्य में वक़्फ़ बोर्ड की संपत्ति का दो आधार होता है। एक आधार होता है कि लोग अपनी संपत्ति को दान में देते हैं, जबकि दूसरा धार्मिक आधार होता है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने वक़्फ़ बोर्ड की संपत्ति के पूरे अवलोकन की जिम्मेदारी राजस्व विभाग के अधिकारियों को दिया है।”

उन्होंने आगे बताया कि “अल्पसंख्यक समुदाय के छात्रों के लिए बिहार सरकार मल्टीपर्पज बिल्डिंग बना रही, जिसमें छात्रावास होंगे, मार्केट होंगे। ये पूरी तरीके से आम लोगों की सुख-सुविधाओं के लिए होगा। धार्मिक स्थल का विकास निश्चित रूप से अल्पसंख्यक वर्ग के छात्रों के शैक्षणिक उन्नयन के लिए होगा। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 100 करोड़ का आवंटन करके देश में नज़ीर पेश किया है। हमारी उम्मीद है कि वक़्फ़ बोर्ड के संबंध में जो भी प्रारूप केंद्र सरकार बनाए, बिहार में इस संबंध में जो तस्वीर बदली है उसका जरूर अवलोकन कर ले।”

केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह की तुलना अहमद शाह अब्दाली से करने पर जेडीयू नेता ने उद्धव ठाकरे को घेरा। उन्होंने कहा कि “उद्धव ठाकरे की बेचैनी और हताशा ने राजनीति के भाषाई शब्दावली को बिगाड़ दिया है। राजनीतिक एजेंडा विकास का होना चाहिए।”

उन्होंने आगे कहा, राष्ट्रीय सुरक्षा हमारी जिम्मेदारी बनती है। विदेश नीति पर हमारी सहमति रहती है। पाकिस्तान और चीन के आधार पर देश की राजनीति नहीं तय होगी।

जेडीयू नेता ने आगे कहा, उद्धव ठाकरे विरासत की राजनीति करने वाले लोग हैं, इन्होंने संघर्ष की बदौलत राजनीति नहीं पाया। वो बालासाहेब ठाकरे की राजनीतिक विरासत संभाल रहे हैं। ऐसे में उनको कम से कम भाषाई शब्दावली पर ध्यान रखना चाहिए। अगर ये उन्माद की राजनीति करेंगे तो सत्ता से जैसे बेदखल हैं, वैसे ही बेदखल रहेंगे।

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