कोलकाता, 31 मार्च । पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने रविवार को कहा कि एनआईए, सीबीआई और ईडी जैसी केंद्रीय जांच एजेंसियां तृणमूल कांग्रेस के नेताओं को चुन-चुन कर निशाना बना रही हैं, जबकि वे कांग्रेस या सीपीआई-एम नेताओं की जांच नहीं करती।
मुख्यमंत्री ने रविवार को तृणमूल कांग्रेस उम्मीदवार महुआ मोइत्रा के समर्थन में नादिया जिले के कृष्णानगर में एक रैली को संबोधित करते हुए कहा, “एनआईए ने हावड़ा में हमारे 15 समर्थकों को गिरफ्तार किया, जबकि ईडी और सीबीआई रोजाना हमारी पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं का पीछा कर रहे हैं। लेकिन केंद्रीय एजेंसीयां कांग्रेस या सीपीआई (एम) के एक भी नेता की जांच नहीं कर रही है।”
उन्होंने कहा कि भाजपा, कांग्रेस और सीपीआई (एम) पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस के खिलाफ एक साथ हैं।
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा, “मैंने विपक्षी इंडिया गठबंधन के गठन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। यहां तक कि गठबंधन का नाम भी मेरे सुझाव के मुताबिक ही था। लेकिन पश्चिम बंगाल में सीपीआई-एम और कांग्रेस का हमारे खिलाफ बीजेपी के साथ समझौता है। सीपीआई-एम को वोट देने का मतलब बीजेपी को वोट देना है।”
कैश फॉर क्वेरी के आरोप में संसद से निष्कासित महुआ मोइत्रा के समर्थन में मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्हें जानबूझकर निशाना बनाया गया और लोकसभा से निष्कासित किया गया। वह संसद के पटल पर अपनी बात मजबूती से रख रही थीं।
मुख्यमंत्री ने हाल ही में महुआ मोइत्रा से जुड़े विभिन्न स्थानों पर सीबीआई की छापेमारी का जिक्र करते हुए कहा कि उनके पिता के आवास पर भी छापेमारी की गई।
मुख्यमंत्री ने कहा, “उनके माता-पिता का महुआ मोइत्रा की राजनीति से कोई लेना-देना नहीं है, फिर भी उन्हें परेशान किया गया। उनका एकमात्र लक्ष्य किसी भी कीमत पर महुआ मोइत्रा को परेशान करना था। लेकिन मुझे विश्वास है कि वह यह चुनाव जीतकर उचित जवाब देंगी।”
इस महीने की शुरुआत में माथे की चोट से उबरने के बाद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की यह पहली सार्वजनिक रैली थी।