राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) की एक क्षेत्रीय विशेषज्ञ टीम ने आज आपदा-पश्चात आवश्यकता मूल्यांकन (पीडीएनए), 2025 के अंतर्गत पुनर्वास और पुनर्निर्माण प्रयासों की प्रगति का आकलन करने के लिए मंडी जिले के सेराज क्षेत्र के आपदा प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया।
टीम ने बुरी तरह प्रभावित डेजी, बुगरलचौक, कुथाह, पांडवशिला, थुनाग और बगस्याड़ गांवों का निरीक्षण किया, जहां 30 जून को भूस्खलन और मूसलाधार बारिश के कारण भारी नुकसान हुआ था। इस आपदा से पूरे क्षेत्र में जान-माल का काफी नुकसान हुआ था।
क्षेत्र भ्रमण के दौरान, टीम ने प्रभावित परिवारों, पंचायत प्रतिनिधियों और विभागीय अधिकारियों से बातचीत कर राहत एवं पुनर्वास उपायों की वर्तमान स्थिति की समीक्षा की। विशेषज्ञों ने सभी पुनर्निर्माण गतिविधियों में गुणवत्ता मानकों, सुरक्षा और दीर्घकालिक स्थायित्व को बनाए रखने के महत्व पर ज़ोर दिया।
निरीक्षण से पहले, एनडीएमए के विशेषज्ञों ने मंडी में विभिन्न विभागों के अधिकारियों के साथ एक समन्वय बैठक की। राजस्व, लोक निर्माण, जल शक्ति, विद्युत, शिक्षा, कृषि, मृदा संरक्षण, बागवानी और स्वास्थ्य विभागों के अधिकारियों ने आपदा से हुए नुकसान और चल रहे पुनर्निर्माण कार्यों पर विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत की।
टीम ने विभागीय योजनाओं की समीक्षा की तथा भविष्य में आपदाओं को रोकने के लिए आपदा जोखिम को कम करने, जल निकासी प्रणालियों में सुधार करने तथा संवेदनशील क्षेत्रों में ढलानों को स्थिर करने के लिए सिफारिशें दीं।
बाद में, एनडीएमए प्रतिनिधिमंडल ने जंजैहली स्थित लोक निर्माण विभाग कार्यालय में स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी), आशा और आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं के साथ चर्चा की। इस बातचीत में सामुदायिक भागीदारी को मज़बूत करने और स्थानीय सहभागिता एवं जन-केंद्रित योजना के माध्यम से पुनर्वास प्रयासों की प्रभावशीलता बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित किया गया।
एनडीएमए विशेषज्ञ दल में डॉ. एसके नेगी, डॉ. अशोक पीपल, डॉ. महेश, एनी जॉर्ज और कृष्णा ठाकुर शामिल थे। यह समूह अपने क्षेत्रीय आकलन के आधार पर एक व्यापक मूल्यांकन रिपोर्ट तैयार करेगा, जो प्रभावित क्षेत्रों में आगामी पुनर्निर्माण और जोखिम न्यूनीकरण योजनाओं के लिए एक महत्वपूर्ण संदर्भ के रूप में काम करेगी।
दौरे के दौरान टीम के साथ एसडीएम थुनाग रमेश कुमार, नायब तहसीलदार थुनाग अर्जुन और विभिन्न विभागों के अधिकारी मौजूद थे, जिन्होंने बहाली कार्यों के बारे में जमीनी स्तर पर जानकारी दी।

