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बाढ़ आरोप की जांच के लिए केंद्रीय टीम ने पंडोह का दौरा किया

मंडी, 19 अक्टूबर

 

केंद्रीय जल आयोग की एक टीम ने इन आरोपों की सत्यता का पता लगाने के लिए हिमाचल के मंडी जिले में पंडोह बांध का दौरा किया कि मानसून के दौरान जलाशय से अतिरिक्त पानी छोड़े जाने के कारण निचले इलाकों में बाढ़ आ गई। सूत्रों ने कहा कि जल आयोग के पूर्व अध्यक्ष आरके गुप्ता के नेतृत्व में टीम ने विस्तार से जांच की कि क्या बांध के स्पिलवे गेट खोले जाने पर निचले प्रवाह में रहने वाले लोगों को सचेत करने वाली चेतावनी प्रणाली ठीक से काम कर रही थी। इसमें इस बात की भी जांच की गई कि किन परिस्थितियों में पानी छोड़ा गया और इससे सार्वजनिक और निजी संपत्ति को कितना नुकसान हुआ। टीम के सदस्यों ने पंडोह बांध का प्रबंधन करने वाले भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड (बीबीएमबी) के उच्च अधिकारियों से भी मुलाकात की।

 

टीम में केंद्रीय जल आयोग के पूर्व निदेशक हरकेश कुमार, जल विज्ञान निदेशक गोवर्धन प्रसाद, एनडीएसए के चंडीगढ़ क्षेत्र के निदेशक आरपीएस वर्मा और केंद्रीय जलविद्युत परियोजना और जांच प्रभाग के निदेशक बलवंत कुमार शामिल थे।

निरीक्षण के दौरान मंडी के अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट मदन कुमार और राज्य के ऊर्जा विभाग और बीबीएमबी के अधिकारी भी उपस्थित थे।

 

मूसलाधार बारिश के बाद, विशेष रूप से जुलाई और अगस्त में, अतिरिक्त प्रवाह को देखते हुए विभिन्न बांधों से पानी छोड़ा गया था। चूंकि निचले इलाकों में बाढ़ आ गई थी और ब्यास के तट के पास सार्वजनिक और निजी संपत्ति को बड़े पैमाने पर नुकसान हुआ था, प्रभावित लोगों ने इसकी जिम्मेदारी बांध अधिकारियों पर डाल दी थी। ऐसे में केंद्रीय टीम हिमाचल में पोंग, पारबती-3, मलाणा-2 और पंडोह बांधों का निरीक्षण करने के लिए दौरे पर है।

 

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