बीजिंग, अमेरिका कथित डोपिंग मामले को बढ़ा-चढ़ाकर पेश कर रहा है। अंतरराष्ट्रीय समुदाय अमेरिका की इस काररवाई की आलोचना कर रहा है। सीएमजी के अधीन सीजीटीएन के एक सर्वे के मुताबिक 95.1 प्रतिशत उत्तरदाताओं ने अमेरिका द्वारा खेल के नाम पर दूसरे को दबाने की कुचेष्टा की निंदा की।
उनके विचार में यह ओलंपिक भावना के विरुद्ध है, जिस पर सर्तक रहना चाहिए। पेरिस ओलंपिक के दौरान कुछ देशों के खिलाड़ियों ने सोशल मीडिया पर अन्य देश के खिलाड़ियों पर निराधार आरोप लगाया और सार्वजनिक मौके पर बदतमीज़ी दिखाई।
इसके प्रति इस सर्वे में भाग लेने वाले 94.95 प्रतिशत लोगों का विचार है कि ऐसे खिलाड़ियों ने सच्चे मायने में ओलंपिक भावना का पालन नहीं किया। 93.08 प्रतिशत लोगों ने कहा कि अखाड़ा न सिर्फ जीत-हार का स्थल है, बल्कि मित्रता और पारस्परिक सम्मान का मंच है।
विश्व डोपिंग विरोधी संगठन के परिणामों के बावजूद अमेरिका ने कथित अन्य देश के खिलाड़ियों की डोपिंग संबंधी घटना को जानबूझकर भुनाया। इसके प्रति 96.84 उत्तरदाताओं के विचार में अमेरिका विश्व डोपिंग विरोधी संगठन का सम्मान नहीं करता।
इसके अलावा 96.25 प्रतिशत उत्तरदाताओं ने डोपिंग सवाल पर अमेरिका के दोहरे मापदंड की आलोचना की। 93.45 प्रतिशत लोगों का कहना है कि अमेरिका ने डोपिंग सवाल का राजनीतिकरण किया है।
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