राजमुंदरी (आंध्र प्रदेश), 31 अक्टूबर । कथित कौशल विकास घोटाले में 52 दिन जेल में बिताने के बाद आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री एन चंद्राबाबू नायडू मंगलवार को आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय से मिली अंतरिम जमानत के बाद राजमुंदरी केंद्रीय कारागार से बाहर आ गए।
जेल से बाहर आने के बाद उनके परिवार के सदस्यों और तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी) के नेताओं और सैकड़ों पार्टी कार्यकर्ताओं ने उनका स्वागत किया।
जेल के बाहर लोगों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि अपने 40 साल लंबे राजनीतिक करियर में उन्होंने कुछ भी गलत नहीं किया है।
उन्होंने कहा, ”न तो मैंने कुछ गलत किया और न ही किसी को कुछ गलत करने दिया।”
नायडू ने आंध्र प्रदेश और तेलंगाना तथा देश-विदेश के अन्य हिस्सों में तेलुगु लोगों को उनके समर्थन और एकजुटता के लिए धन्यवाद दिया।
उन्होंने कहा कि वह उनके समर्थन और मुख्यमंत्री के रूप में उनके किए गए विकास कार्यों को उजागर करने के लिए हमेशा उनके ऋणी रहेंगे।
टीडीपी प्रमुख ने राजनीतिक दलों और उनके नेताओं को भी उनके समर्थन के लिए धन्यवाद दिया। उन्होंने विशेष रूप से जन सेना पार्टी (जेएसपी) नेता और अभिनेता पवन कल्याण का उल्लेख किया, जिन्होंने घोषणा की है कि जेएसपी और टीडीपी अगले साल एक साथ चुनाव लड़ेंगे।
बाद में नायडू वाहनों के एक बड़े काफिले में अमरावती के लिए रवाना हो गए, पूरा इलाका “जय बाबू जय, जय बाबू” के नारों से गूंज उठा।
इससे पहले उच्च न्यायालय ने नायडू को कुछ शर्तों के साथ स्वास्थ्य आधार पर चार सप्ताह के लिए अंतरिम जमानत दी थी।
नायडू को 1 लाख रुपये की जमानत राशि जमा करने का निर्देश दिया गया। अदालत ने उनसे मामले से जुड़े किसी भी व्यक्ति को प्रभावित नहीं करने और 29 नवंबर को अदालत के समक्ष आत्मसमर्पण करने को कहा।
यह आदेश पिछले 52 दिनों से जेल में बंद 73 वर्षीय नेता के लिए राहत लेकर आया। अपराध जांच विभाग (सीआईडी) ने नायडू को उनके मुख्यमंत्री रहते हुए हुए कथित कौशल विकास घोटाले में 9 सितंबर को गिरफ्तार किया था।
अगले दिन विजयवाड़ा की एक अदालत ने उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया था।