नई दिल्ली, 31 अक्टूबर । बीते सप्ताह कतर ने भारतीय नौसैनिकों से रिटायर्ड हो चुके 8 व्यक्तियों को मौत की सजा सुनाई है। इस मुद्दे पर भारतीय नौसेना प्रमुख एडमिरल आर हरि कुमार ने कहा कि सरकार इन आठों पूर्व नौसैनिकों की रिहाई के लिए हरसंभव प्रयास कर रही है।
गौरतलब है कि यह सभी आठ भारतीय कतर में एक निजी सुरक्षा कंपनी अल दहरा के कर्मचारी थे। कथित तौर पर इनको जासूसी के आरोप में कतर ने 26 अक्टूबर को मौत की सजा सुनाई है।
नौसेना प्रमुख एडमिरल हरि कुमार ने कहा कि कोर्ट ने नौसैनिकों को जो सजा सुनाई, उसकी पूरी जानकारी रविवार को हमें सौंपी जानी थी। हालांकि, अब तक ऐसा नहीं हो सका है। नौसेना प्रमुख ने सोमवार को कहा कि केंद्र सरकार आठों कर्मियों की मदद के लिए हर संभव प्रयास कर रही है। भारतीय नौसेना द्वारा आयोजित गोवा मैरीटाइम कॉन्क्लेव के अवसर पर बात करते हुए एडमिरल कुमार ने कहा, ‘केंद्र सरकार द्वारा यह सुनिश्चित करने के लिए हर संभव प्रयास किया जा रहा है कि इन आठों व्यक्तियों को राहत मिले।”
एडमिरल ने कहा कि अभी अदालत की सुनवाई या जजमेंट की प्रति देखना बाकी है। अदालत की सुनवाई के विस्तृत निर्णय से पता लग सकेगा कि इन आठ भारतीयों को किस कारण मौत की सजा हुई।
इस बीच विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने सोमवार को इन सभी पूर्व नौसैनिकों के परिवारों से मुलाकात की। उन्होेंने एक्स पर पोस्ट किया, “सरकार मामले को सर्वोच्च महत्व देती है। परिवारों की चिंता और दर्द को समझती है।”
उन्होंने कहा, “सरकार उनकी रिहाई सुनिश्चित करने के लिए सभी प्रयास करना जारी रखेगी। इस संबंध में परिवारों के साथ निकटता से समन्वय करेगी।”
गौरतलब है कि यह सभी पिछले साल से कतर की हिरासत में हैं। इन लोगों में पूर्व सम्मानित अधिकारी भी शामिल हैं। ये दाहरा ग्लोबल टेक्नोलॉजीज एंड कंसल्टेंसी सर्विसेज के लिए काम कर रहे थे। यह एक निजी फर्म है, जो कतर के सशस्त्र बलों को प्रशिक्षण और संबंधित सेवाएं प्रदान करती थी। मुकदमे के दौरान उनकी जमानत याचिकाएं कई बार खारिज कर दी गई।
कतर के अधिकारियों ने उनकी हिरासत बढ़ा दी। कतर की प्रथम दृष्टया अदालत ने एक फैसला सुनाया। भारत सरकार ने इस खबर पर आश्चर्य व्यक्त किया और कहा कि वह इसका मुकाबला करेगी।