जिला अपराध प्रकोष्ठ (डीसीसी) की जांच से पता चला है कि सस्ती शराब से भरी महंगी ब्रांड की बोतलें बेचने वाले गिरोह ने कबाड़ी वालों के साथ-साथ पार्टियों में सेवाएं देने वाले बारटेंडरों से खाली बोतलें खरीदीं। उन्होंने खाली बोतलों और कार्टन के लिए अच्छी रकम चुकाई।
आरोपी ने चिवास रीगल, ग्लेनफिडिच, ग्लेनमोरंगी, गोल्ड लेबल, ब्लू लेबल और ग्लेनलिवेट जैसे प्रीमियम ब्रांड की खाली बोतलों में ब्लेंडर्स प्राइड, ऑल सीजन्स और रॉयल स्टैग जैसी सस्ती शराब भर दी। भोले-भाले ग्राहकों को नकली शराब बेचने के अलावा, आरोपी शराब की दुकानों के कर्मचारियों को छूट पर कार्टन बेचते थे। पुलिस के एक सूत्र ने बताया, “आसानी से पैसे कमाने के लिए शराब की दुकानों के कर्मचारी इस नकली शराब को खरीदते थे और ग्राहकों को असली शराब बताकर बेचते थे।”
पुलिस ने गिरोह के तीन सदस्यों राजा सेठ (29), रवि (31) और गुरुसागर (24) को गिरफ्तार कर उनके पास से नकली चिवास रीगल स्कॉच व्हिस्की की 46 बोतलें बरामद कीं।
आगे की जांच में पंचकूला के एमडीसी निवासी आकाश तिवारी को गिरफ्तार किया गया। उसे आईटी पार्क में उसकी कार में रखी नकली शराब के साथ पकड़ा गया।
एक पुलिस अधिकारी ने बताया, “तिवारी पर हरियाणा पुलिस ने पहले भी शराब की अवैध बिक्री के लिए मामला दर्ज किया था। उस समय उसने मनी माजरा में एक जगह किराए पर ली थी, जहां वह सस्ती शराब की बोतलें भरता था।”
पुलिस ने बताया कि तीन आरोपी बॉटलिंग प्लांट और बीयर प्लांट में मैनेजर के तौर पर काम करते थे। इसलिए उन्हें पता था कि बोतलों को कैसे भरना है और बिना किसी शक के उन्हें कैसे सील करना है।