N1Live National छत्तीसगढ़: मानव तस्करी और धर्मांतरण केस में गिरफ्तार दो नन और आदिवासी युवक की जमानत याचिका खारिज
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छत्तीसगढ़: मानव तस्करी और धर्मांतरण केस में गिरफ्तार दो नन और आदिवासी युवक की जमानत याचिका खारिज

Chhattisgarh: Bail plea of two nuns and tribal youth arrested in human trafficking and conversion case rejected

छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले में मानव तस्करी और धर्मांतरण के आरोपों में गिरफ्तार केरल की दो कैथोलिक ननों और एक आदिवासी युवक की जमानत याचिका को सेशन कोर्ट ने खारिज कर दिया है। सेशन कोर्ट के न्यायाधीश अनीश दुबे ने स्पष्ट किया कि यह मामला उनके क्षेत्राधिकार में नहीं आता। हालांकि, सेशन कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं से मामले से संबंधित कोर्ट में अर्जी दायर करने को कहा है।

एडवोकेट विकास तिवारी ने बताया कि गिरफ्तार आरोपियों को अभी 15 से 20 दिन कस्टडी में रखा जाएगा। सेशन कोर्ट ने उन आरोपियों की याचिका को खारिज किया है। उन्होंने बताया कि कोर्ट ने मामले को इसलिए खारिज किया कि यह उनके अधिकार क्षेत्र का मामला नहीं है। याचिकाकर्ताओं से न्यायाधीश अनीश दुबे ने कहा है कि चूंकि यह प्रकरण मानव तस्करी से जुड़ा है, इसलिए मामले में सुनवाई का अधिकार एनआईए कोर्ट का है।

एडवोकेट विकास तिवारी ने दावा किया कि यह सिर्फ दो ननों से जुड़ा विषय नहीं है। एक पूरी लॉबी काम कर रही है। इसमें विवेचना के बाद पूरा पर्दाफाश होने की संभावना है। वहीं, एडवोकेट हेमंत मिश्रा ने भी दावा किया कि दुर्ग के कुछ इलाकों में गरीबों को टारगेट (धर्म परिवर्तन के लिए) किया जा रहा है। हेमंत मिश्रा ने कहा कि आरोपियों की जमानत का हर जगह विरोध किया जाएगा।

इस बीच, केरल की दो कैथोलिक ननों की गिरफ्तारी का मामला राजनीतिक तूल पकड़ रहा है। बुधवार को संसद परिसर में प्रियंका गांधी के साथ यूडीएफ सांसदों ने प्रदर्शन किया। कांग्रेस के सांसद राहुल गांधी ने भी इस मामले पर प्रतिक्रिया दी और आरोप लगाए कि छत्तीसगढ़ में दो कैथोलिक ननों को उनकी आस्था के कारण निशाना बनाकर जेल भेजा गया है।

राहुल गांधी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर लिखा, “यह न्याय नहीं, बल्कि भाजपा-आरएसएस का गुंडाराज है। यह इस शासन में अल्पसंख्यकों के व्यवस्थित उत्पीड़न के एक खतरनाक पैटर्न को दर्शाता है। यूडीएफ सांसदों ने संसद में विरोध प्रदर्शन किया। हम चुप नहीं बैठेंगे। धार्मिक स्वतंत्रता एक संवैधानिक अधिकार है। हम उनकी तत्काल रिहाई और इस अन्याय के लिए जवाबदेही की मांग करते हैं।”

बुधवार को ही भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) की वरिष्‍ठ नेता वृंदा करात दुर्ग सेंट्रल जेल पहुंचीं, जहां उन्होंने आरोपी नन और छत्तीसगढ़ के आदिवासी युवक से मुलाकात की। वृंदा करात ने आरोप लगाए कि ननों को जबरन फंसाया गया है। उनके साथ मारपीट हुई है।

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