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छत्तीसगढ़ सरकार अयोध्या में 60 दिन चलाएगी भंडारा

Chhattisgarh government will run Bhandara in Ayodhya for 60 days

रायपुर, 24 जनवरी । अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा हुई है और वहां बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंच रहे हैं। इन श्रद्धालुओं को भोजन उपलब्ध कराने के लिए छत्तीसगढ़ की सरकार भंडारा शुरु करने जा रही है। यह भंडारा साठ दिन चलेगा। इसके लिए राजधानी रायपुर से भंडारा संचालन के लिए बनाई गईं छह समितियां और अन्य लोग अयोध्या के लिए रवाना हुए।

छत्तीसगढ़ को भगवान राम का ननिहाल कहा जाता है। यहां के लोग रामलला की प्राण प्रतिष्ठा से खुश और उत्साहित हैं। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने बुधवार को राजधानी रायपुर स्थित श्री राम मंदिर परिसर से श्रीराम की जन्मभूमि अयोध्या में भण्डारे के संचालन के लिए कार्यकर्ताओं की टीम को झंडी दिखाकर रवाना किया।

मुख्यमंत्री साय ने कहा कि भगवान श्रीराम के ननिहाल छत्तीसगढ़ से राम भक्त कार्यकर्ताओं और रसोईयों की टीम राम दर्शन के लिए अयोध्या आने वाले श्रद्धालुओं को भण्डारा भोज कराने रवाना कर रहे हैं। भगवान श्रीराम और जो छत्तीसगढ़ के भांजा हैं, वे अयोध्या में अनेक वर्षों तक टेंट में रहने के बाद विधि-विधान से विराट मंदिर में विराजमान हुए।

मुख्यमंत्री साय ने कहा कि छत्तीसगढ़ माता कौशल्या की धरती है। हम ननिहाल वाले तरह-तरह से श्रीराम के प्रति अपनी श्रद्धा व्यक्त कर रहे हैं। हमने यहां से सुगंधित चावल और सब्जियां भेजी, जिसका भोग प्राण प्रतिष्ठा के दिन श्रीराम को लगाया गया। सत्य सांई अस्पताल से डॉक्टरों की टीम भी स्वास्थ्य सेवा करने अयोध्या गई। छह समिति के लोग अब साठ दिनों तक अयोध्या में भण्डारा चलाकर रामभक्तों को भोजन कराएंगे।

मुख्यमंत्री साय ने बताया कि अब छत्तीसगढ़ के लोग ट्रेन के माध्यम से अयोध्या जाएंगे। इसमें पहली ट्रेन दुर्ग से जाने वाली है। इसके बाद रायपुर, बिलासपुर फिर अंबिकापुर से श्रद्धालु श्री रामलला के दर्शन के लिए चार ट्रेनों से रवाना होंगे। मोदी जी की गारंटी में हमारी सरकार भगवान श्री राम के ननिहाल वालों को उनके तीर्थ दर्शन के लिए ले जाएगी।

भण्डारा आयोजक सह समिति के समन्वयक और पूर्व विधानसभा अध्यक्ष एवं विधायक धरमलाल कौशिक ने कहा कि अयोध्या में श्रद्धालुओं की अपार भीड़ पहुंच रही है। भगवान श्रीराम छत्तीसगढ़ के भांजा हैं और उनके दर्शन के लिए अयोध्या जाने वाले श्रद्धालु भूखे न रहे, इसकी चिंता छत्तीसगढ़ ने की है।

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