October 14, 2025
National

26/11 हमले के बाद जवाबी सैन्य कार्रवाई के पक्ष में थे चिदंबरम, इस वजह से बदला फैसला

Chidambaram was in favor of military retaliation after the 26/11 attacks, but this is why his decision was changed.

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता चिदंबरम ने खुलासा किया है कि 26/11 मुंबई आतंकी हमले के बाद वे पाकिस्तान के खिलाफ जवाबी सैन्य कार्रवाई के पक्ष में थे, लेकिन अंत में उन्हें इससे मना कर दिया गया।

चिदंबरम ने एक पॉडकास्ट में खुलासा किया कि वैश्विक कूटनीतिक दबाव (खासकर अमेरिका के दबाव) ने भारत के रुख को प्रभावित किया। चिदंबरम ने बताया कि 26/11 हमले के ठीक बाद 30 नवंबर 2008 को उन्हें गृह मंत्री का पद संभालने के लिए कहा गया, जब शिवराज पाटिल ने इस्तीफा दे दिया था।

उन्होंने कहा, “मुझे हमले के अगले दिन गृह मंत्री बनाया गया। प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने मुझे फोन कर वित्त मंत्रालय से गृह मंत्रालय में जाने को कहा। जब मैंने मना किया, तो मुझे बताया गया कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने यह निर्णय ले लिया है। मैंने उनसे बात करने की इच्छा जताई, लेकिन मुझे बताया गया कि वे शहर से बाहर हैं। मुझे अगली सुबह पदभार संभालने का निर्देश दिया गया।”

उन्होंने खुलासा किया कि वे वित्त मंत्रालय छोड़ना नहीं चाहते थे। चिदंबरम ने कहा, “मैंने कहा कि मैं वित्त मंत्री के रूप में अपना कार्यकाल पूरा करने के लिए खुश हूं। मैंने पांच बजट पेश किए थे और अप्रैल 2009 में चुनाव होने वाले थे, लेकिन मुझे बताया गया कि पार्टी का फैसला हो चुका है। मैंने कहा कि मैं अनिच्छा से ही सही, लेकिन पद संभाल लूंगा।”

भारत की सुरक्षा व्यवस्था से अपरिचित होने की बात स्वीकार करते हुए चिदंबरम ने कहा, “मैं पूरी तरह अनजान था। मुझे पाकिस्तान और पड़ोसी क्षेत्रों में उपलब्ध खुफिया संसाधनों की जानकारी नहीं थी।”

पूर्व गृह मंत्री ने स्वीकार किया कि उनके मन में जवाबी कार्रवाई का विचार आया था। उन्होंने कहा, “मेरे दिमाग में यह बात आई थी कि हमें कुछ जवाबी कार्रवाई करनी चाहिए। मैंने इस पर प्रधानमंत्री और अन्य महत्वपूर्ण लोगों से चर्चा की। हमले के दौरान प्रधानमंत्री ने इस मुद्दे पर चर्चा की थी, ऐसा मैं अनुमान लगा सकता हूं। अंतिम निष्कर्ष (जो मुख्य रूप से विदेश मंत्रालय और भारतीय विदेश सेवा के प्रभाव में था) यह था कि हमें सीधे तौर पर सैन्य प्रतिक्रिया नहीं देनी चाहिए, बल्कि कूटनीतिक उपाय अपनाने चाहिए।”

चिदंबरम ने बताया कि संयम बरतने का निर्णय वैश्विक दबाव के बीच लिया गया। उन्होंने आगे कहा, “दिल्ली पर पूरी दुनिया का दबाव था कि युद्ध शुरू न करें।”

मनमोहन सिंह सरकार पर ‘आतंकवाद के प्रति नरम’ होने के आरोपों को खारिज करते हुए चिदंबरम ने कहा, “हमने जवाबी कार्रवाई नहीं की। मेरा निजी विचार था कि हमें करना चाहिए था, लेकिन मैं अपने निजी विचारों से निर्णय नहीं लेता। मैं सरकार की ताकत और कमियों को ध्यान में रखता हूं।’

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