मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने आज कहा कि दुनिया के सबसे बड़े हड़प्पा स्थलों में से एक राखीगढ़ी को यूनेस्को की विश्व धरोहर सूची में शामिल करने के प्रयास जारी हैं, और इसे भारत की प्राचीन और गौरवशाली सभ्यता का जीवंत प्रमाण बताया। राखीगढ़ी गांव में आयोजित दूसरे राज्य स्तरीय राखीगढ़ी महोत्सव में सभा को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्रीय बजट में इस स्थल को एक प्रतिष्ठित वैश्विक पुरातात्विक और पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने के लिए 500 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं।
सैनी ने कहा, “राखीगढ़ी एक ऐतिहासिक धरोहर स्थल के रूप में अपनी अनूठी पहचान रखता है। यह वह भूमि है जहाँ हजारों साल पहले दुनिया की सबसे प्राचीन सभ्यताओं में से एक – हड़प्पा सभ्यता – फली-फूली थी।” उन्होंने आगे कहा कि खुदाई के दौरान प्राप्त कलाकृतियों से पता चलता है कि यह स्थल एक प्रमुख औद्योगिक और वाणिज्यिक केंद्र था, जो सुनियोजित शहरी लेआउट, उन्नत स्वच्छता प्रणालियों और उत्कृष्ट जल प्रबंधन के लिए जाना जाता था।
वैश्विक महत्व पर जोर देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि राखीगढ़ी में स्थित सिंधु-सरस्वती सभ्यता विश्व को यह सशक्त संदेश देती है कि भारत की विरासत कितनी गहरी जड़ें जमा चुकी है, वैज्ञानिक दृष्टि से कितनी समृद्ध है। उन्होंने कहा कि यह अत्यंत गर्व की बात है कि विश्व की सबसे उन्नत प्राचीन शहरी सभ्यताओं में से एक का सबसे महत्वपूर्ण केंद्र हरियाणा में स्थित है।
सैनी ने कहा कि राज्य सरकार राखीगढ़ी को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पर्यटन मानचित्र पर पहचान दिलाने के लिए निरंतर और ठोस कदम उठा रही है। उन्होंने बताया कि भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के अनुसार, हरियाणा में फरमाना (रोहतक), मिथाथल (भिवानी), बालू (कैथल) और बनावली (फतेहाबाद) सहित लगभग 100 ऐतिहासिक और पुरातात्विक स्थल हैं, जिनका संरक्षण विशेष विकास परियोजनाओं के माध्यम से किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि राखीगढ़ी पंचायत द्वारा प्रस्तुत सभी 13 मांगों को त्वरित कार्रवाई के लिए संबंधित विभागों को भेजा जाएगा, जबकि राखी शाहपुर पंचायत की पांच मांगों पर भी विचार किया जाएगा। उन्होंने राखीगढ़ी और राखी शाहपुर गांवों के लिए 21 लाख रुपये के अनुदान की भी घोषणा की और हड़प्पा ज्ञान केंद्र का उद्घाटन किया।
सैनी ने कहा कि सरकार राखीगढ़ी को एक अंतरराष्ट्रीय पर्यटन और अनुसंधान केंद्र के रूप में विकसित करने के लिए प्रतिबद्ध है, जिसके तहत विश्व स्तरीय पुरातत्व संग्रहालय, एक समर्पित अनुसंधान संस्थान, आधुनिक पर्यटन सुविधाएं और बेहतर बुनियादी ढांचा तैयार करने की योजना है। उन्होंने कहा कि इस पहल से स्थानीय युवाओं के लिए रोजगार के अवसर पैदा होंगे और क्षेत्रीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलेगा।
खुदाई से मिले निष्कर्षों का हवाला देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि हड़प्पा युग में महिलाओं को सम्मान और समान अवसर प्राप्त थे। उन्होंने कहा, “आज हरियाणा की बेटियां खेल, शिक्षा, विज्ञान, प्रशासन और सशस्त्र बलों में उत्कृष्ट प्रदर्शन करके इस विरासत को आगे बढ़ा रही हैं।” उन्होंने यह भी कहा कि महिला सशक्तिकरण राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है।
उन्होंने कहा कि राखीगढ़ी में 22 करोड़ रुपये की लागत से एक आधुनिक संग्रहालय का निर्माण पहले ही हो चुका है, जबकि नूह में पुरानी तहसील भवन, लोहारू किला और तौरू में स्थित मकबरा परिसर को राज्य-संरक्षित स्मारक घोषित किया गया है। विरासत एवं पर्यटन मंत्री अरविंद शर्मा ने कहा कि राखीगढ़ी महोत्सव एक ऐतिहासिक आयोजन था, जिसमें राज्य भर के कलाकारों ने भाग लिया। उन्होंने कहा कि 7,000 वर्ष पुरानी राखीगढ़ी सभ्यता ने दुनिया को आधुनिक शहरी नियोजन की नींव दिखाई।


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