मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने लोकसभा चुनाव और जातीय समीकरणों को ध्यान में रखते हुए मंत्रिमंडल विस्तार किया। घुमारवीं से विधायक राजेश धर्माणी के साथ मुख्यमंत्री की एनएसयूआई के समय से दोस्ती है। जयसिंहपुर से कांग्रेस विधायक यादवेंद्र गोमा को मंत्री पद देकर लोकसभा चुनाव के लिए कांगड़ा में एससी और ओबीसी वर्ग को साधा गया है। कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने भी गोमा को मंत्री पद देने की इच्छा जताई थी। हाईकमान के निर्देश को पूरा करते हुए सुक्खू ने जिला कांगड़ा में पार्टी को मजबूती देने का प्रयास किया है।
इस वर्ष जनवरी में हुए मंत्रिमंडल विस्तार में तीन बार के कांग्रेस विधायक राजेश धर्माणी का नाम भी शामिल था। ऐन मौके पर धर्माणी का नाम सूची से बाहर हो गया था। मायूस धर्माणी को अपने समर्थकों के साथ बीच रास्ते से लौटना पड़ा था। मुख्यमंत्री बीते कुछ समय से सार्वजनिक मंच पर धर्माणी से अपने पुराने रिश्तों और बिलासपुर को मंत्री पद देने की बात करते रहे हैं। शांत स्वभाव के धर्माणी अखिल भारतीय कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव हैं। गांधी परिवार के साथ भी इनके अच्छे संबंध हैं। वीरभद्र सिंह की सरकार में धर्माणी मुख्य संसदीय सचिव भी रह चुके हैं। मुख्यमंत्री सुक्खू ने धर्माणी को मंत्री बनाकर हमीरपुर संसदीय सीट को मजबूत करते हुए केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर की किलेबंदी करने की व्यूह रचना की है।
हमीरपुर जिला से मुख्यमंत्री खुद हैं, ऊना से उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री हैं। अब भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के गृह जिला बिलासपुर को मंत्री पद देकर सुक्खू ने भाजपा को 2024 के चुनावों के लिए खुली चुनौती दे दी है। उधर, कांगड़ा संसदीय क्षेत्र में अनुसूचित जाति और ओबीसी वर्ग के मतदाताओं की संख्या अधिक है। मुख्यमंत्री सुक्खू ने वर्ष 2024 के लोकसभा चुनाव को देखते हुए पूर्व मंत्री सुधीर शर्मा की जगह गोमा पर दांव खेला है। सुधीर की नाराजगी को दूर करने के लिए मुख्यमंत्री का आगामी कदम अब क्या होगा। इस पर सबकी नजरें टिक गई हैं।
सुधीर और राजेंद्र राणा की अधूरी रह गई हसरतें मंत्री पद की दौड़ में शामिल पूर्व मंत्री एवं धर्मशाला से विधायक सुधीर शर्मा और सुजानपुर से विधायक राजेंद्र राणा की हसरतें फिर अधूरी रह गईं। सियासी तौर पर माहिर माने जाने वाले सुधीर की राजनीतिक पारी धर्मशाला में वर्ष 2019 हुए विधानसभा के उपचुनाव से डांवाडोल चल रही है। इस उपचुनाव को सुधीर शर्मा ने नहीं लड़ा था। वर्ष 2022 के चुनाव के दौरान भी सुधीर का टिकट अंतिम चरण में घोषित हुआ था। उधर, 2017 के विधानसभा चुनाव में भाजपा के मुख्यमंत्री चेहरा प्रो. प्रेमकुमार धूमल को हराकर चर्चा में आए कांग्रेस विधायक राजेंद्र राणा ने 2022 में लगातार दूसरा चुनाव जीता है। जिला हमीरपुर से ही मुख्यमंत्री सुक्खू के होने के चलते क्षेत्रीय समीकरण का संतुलन बनाए रखना राजेंद्र राणा को मंत्री की कुर्सी तक पहुंचने से बार-बार रोक रहा है। अब हमीरपुर संसदीय क्षेत्र के तहत ही बिलासपुर से धर्माणी की नियुक्ति होने से राणा के लिए आने वाले वर्षों में भी मंत्रीपद की राह मुश्किल भरी हो गई है।
203 में धर्माणी, सचिवालय के नए भवन में बैठेंगे गोमा वहीं, प्रदेश सरकार ने दोनों नए मंत्रियों को सचिवालय में कमरों का आवंटन कर दिया है। कमरा नंबर 203 में राजेश धर्माणी बैठेंगे, जबकि यादवेंद्र सिंह गोमा को सचिवालय के नए भवन में कमरा दिया गया है। इस नए भवन में और मंत्री भी शिफ्ट होने हैं। 203 नंबर कमरा चर्चाओं में रहा है। कोई भी मंत्री इसे लेने को तैयार नहीं होता। इस कमरे में मुख्यमंत्री के ओएसडी के बैठने की अस्थायी व्यवस्था की गई थी, अब उन्हें दूसरे कमरे में शिफ्ट किया जाना है। शपथ लेने के बाद दोनों मंत्रियों ने सचिवालय में आकर अपना कार्यभार संभाल लिया है। सचिवालय में कमरों के आवंटन होने के साथ-साथ दोनों मंत्रियों को टोयोटा कंपनी की एल्टिस गाड़ियां दी गई हैं।
बाद में उन्हें फॉर्च्यूनर दी जानी है। सचिवालय सामान्य प्रशासन की ओर से पीएसओ सहित स्टाफ की भी तैनाती की गई है। कोठियों का आवंटन बुधवार को किया जाना है। बताया जा रहा है कि पंचायती राज मंत्री अनिरुद्ध सिंह ने खुद नए भवन में जाने की इच्छा जताई है। यादवेंद्र सिंह गोमा को फिर पुराने भवन में शिफ्ट किया जाना है। विधानसभा में बदलेगा सिटिंग प्लान विधानसभा का शीतकालीन सत्र 19 दिसंबर से शुरू होने जा रहा है। यह सत्र तपोवन, धर्मशाला में होगा। अभी विधानसभा सभागार में लोक निर्माण मंत्री के साथ सीपीएस सुंदर सिंह ठाकुर बैठते हैं। अब इनकी जगह मंत्री राजेश धर्माणी और यादवेंद्र गोमा बैठेंगे। इनके बाद सीपीएस के बैठने की व्यवस्था की जाएगी।
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