शिमला, 13 अगस्त ऑकलैंड हाउस स्कूल फॉर बॉयज़, शिमला ने अपनी तीन दिवसीय वार्षिक स्कूल प्रदर्शनी का आयोजन किया, जिसका विषय था “भारत युगों से”। इस कार्यक्रम में छात्रों ने विभिन्न युगों में भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और ऐतिहासिक मील के पत्थरों को दर्शाया। स्कूल के ऑडिटोरियम में आयोजित इस प्रदर्शनी का उद्घाटन 10 अगस्त को संस्थापक प्रिंसिपल माइकल ए जॉन ने किया। निदेशक सुनीता जॉन और प्रिंसिपल स्मारकी सामंथ्रॉय ने छात्रों की रचनात्मकता और भारत के इतिहास की गहरी समझ की सराहना की।
इस कार्यक्रम में पाषाण युग से आधुनिक भारत तक भारतीय सभ्यता के विकास पर प्रकाश डाला गया। यह आयोजन कई भागों में विभाजित था, जिनमें से प्रत्येक भाग भारतीय इतिहास के एक महत्वपूर्ण कालखंड को समर्पित था।
पाषाण युग की प्रदर्शनी में छात्रों ने प्रारंभिक औजारों और गुफा चित्रों को दर्शाया, जो प्रागैतिहासिक मानव की जीवनशैली और जीवित रहने की रणनीतियों को दर्शाते हैं। सिंधु घाटी प्रदर्शनी में शहरी नियोजन, द ग्रेट बाथ, गढ़ और हस्तनिर्मित मिट्टी के बर्तन, मुहरें, आभूषण और कलाकृतियों के मॉडल ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया।
वैदिक युग की प्रदर्शनी में गुरुकुल प्रणाली को अभिनय के माध्यम से दर्शाया गया तथा प्राचीन भारत की शिक्षा प्रणाली को समर्पित एक प्रदर्शनी लगाई गई। मौर्य और गुप्त राजवंश की प्रदर्शनी में कला, वास्तुकला और साहित्य में उस युग की प्रगति पर प्रकाश डाला गया।
सल्तनत और मुगल काल की भव्यता को कुतुब मीनार, ताजमहल, लाल किला और अकबर के किले जैसे वास्तुशिल्प चमत्कारों के मॉडलों के साथ जीवंत किया गया। ब्रिटिश शासन के अधीन भारत के संघर्षों, जिनमें प्रमुख लड़ाइयां और विद्रोह शामिल थे, ने आगंतुकों को स्वतंत्रता के लिए किए गए बलिदानों की याद दिला दी।
अंतिम भाग में स्वतंत्रता के बाद भारत की प्रगति पर ध्यान केंद्रित किया गया, जिसमें विज्ञान, प्रौद्योगिकी और संस्कृति में इसकी प्रगति को प्रदर्शित किया गया। प्रदर्शनी को अभिभावकों, शिक्षकों और स्थानीय समुदाय से जबरदस्त प्रतिक्रिया मिली। — टीएनएस