नई दिल्ली, 29 दिसम्बर । भारत और फिलीपींस दक्षिण चीन सागर में किए गए नौसैनिक अभ्यास से चीन परेशान है। नाराज चीन ने इस पर कहा कि विभिन्न देशों के बीच रक्षा सहयोग से किसी तीसरे देश के हितों व क्षेत्रीय शांति को नुकसान नहीं पहुंचना चाहिए।
पिछले दिनों भारतीय नौसेना का जहाज ‘आईएनएस कदमत्त’ अपने एक ऑपरेशन के तहत फिलिपींस पहुंचा था। यह नौसैनिक जहाज फिलीपींस से निकलने के बाद दक्षिण चीन सागर में एक महत्वपूर्ण संयुक्त सैन्य अभ्यास का हिस्सा बना।
नौसेना का जहाज ‘आईएनएस कदमत्त’ स्वदेशी रूप से डिजाइन और निर्मित पनडुब्बी रोधी समुद्री युद्धपोत है, जो अत्याधुनिक पनडुब्बी रोधी वेपन सूट से सुसज्जित है।
रक्षा मंत्रालय के मुताबिक वर्तमान में चल रही लंबी दूरी की ऑपरेशन तैनाती के एक हिस्से के रूप में ‘आईएनएस कदमत्त’ फ़िलिपींस की राजधानी मनीला पहुंचा था। इस यात्रा का उद्देश्य भारत और फ़िलिपींस के बीच समुद्री सहयोग को बढ़ावा देना था।
मनीला से प्रस्थान के बाद दक्षिण चीन सागर में ‘आईएनएस कदमत’ व फ़िलिपींस नौसेना के अपतटीय गश्ती जहाज बीआरपी रेमन अलकराज के बीच समुद्री साझेदारी अभ्यास आयोजित किया गया।
अब चीन, भारत और फिलीपींस के अभ्यास व फ्रांसिसी नौसेना के साथ प्रस्तावित फिलीपींस के हवाई अभ्यास पर प्रश्न उठा रहा है। चीनी मीडिया में चाईनीज रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता कर्नल वू कियान ने कहा कि चीन ने सदैव इस बात पर जोर दिया है कि संबंधित देशों के बीच रक्षा और सुरक्षा सहयोग से तीसरे पक्ष के हितों को नुकसान नहीं पहुंचना चाहिए या क्षेत्रीय शांति और स्थिरता को नुकसान नहीं होना चाहिए।
यह पहला अवसर नहीं है जब चीन ने ऐसा रुख अपनाया है, बल्कि फिलीपींस व अन्य देशों के बीच सैन्य सहयोग को लेकर चीन भड़कता रहा है।
दक्षिण चीन सागर के हिस्सों पर फिलीपींस और चीन की नौसेना अपने-अपने दावे करती है। हाल ही में फिलीपींस की नौसेना ने आरोप लगाया था कि चीन के नौसैनिक जहाजों ने उसके जहाजों पर पानी की बौछारों से हमला किया था। चीन, दक्षिण चीन सागर के अधिकांश हिस्से पर अपना दावा करता है। जबकि दूसरी ओर फिलीपींस, वियतनाम, मलेशिया, ब्रुनेई और ताइवान भी इस क्षेत्र पर अपना दावा करते हैं।
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