March 10, 2025
Entertainment

महिला दिवस मनाने में सिनेमा भी पीछे नहीं, इन फिल्मों ने दिखाई आधी आबादी की ताकत

Cinema is also not behind in celebrating Women’s Day, these films showed the power of half the population

किसी ने सही कहा है, “महिला.. ईश्वर की शानदार रचना है।” वह मां के रूप में योद्धा तो बहन के रूप में जख्म पर मरहम भी लगाती है। दादी, मौसी, दोस्त या अन्य हर किरदार में वह शानदार है। फिल्म इंडस्ट्री ने ऐसी कई फिल्में बनाई हैं, जिसमें मुख्य कलाकार के तौर पर महिलाएं हैं। श्रीदेवी की ‘मॉम’ में एक योद्धा तो यामी गौतम की ‘आर्टिकल 370’ में दुश्मनों को धूल चटाती नायिका है। यहां पढ़िए अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर महिलाओं पर आधारित कुछ विशेष फिल्मों के बारे में..

मिसेज :- हाल ही में रिलीज हुई फिल्म ‘मिसेज’ का निर्देशन आरती कडव ने किया है। फिल्म में महिलाओं पर शादी के बाद हो रहे शोषण के साथ ही घरेलू महिलाओं को किन परेशानियों का सामना करना पड़ता है, इसे दिखाया गया है। फिल्म में सान्या मल्होत्रा मुख्य भूमिका में हैं।आर्टिकल 370 :- साल 2024 में रिलीज हुई ‘आर्टिकल 370’ में यामी गौतम मुख्य भूमिका में हैं। फिल्म का निर्देशन आदित्य सुहास जंभाले ने किया है। फिल्म में यामी खुफिया एजेंट के रूप में हैं, जो पर्दे पर खूब एक्शन करती नजर आईं।

थप्पड़ :- महिलाओं के बड़े कदम उठाने की बात की जाए तो तापसी पन्नू की ‘थप्पड़’ को नहीं भूला जा सकता है। साल 2020 में रिलीज फिल्म में महिलाओं पर पति के अत्याचारों को दिखाया गया है। इस फिल्म का निर्देशन अनुभव सिन्हा ने किया। छपाक :- मेघना गुलजार के निर्देशन में बनी ‘छपाक’ महिलाओं पर किए जा रहे एसिड अटैक के खिलाफ आवाज बुलंद करती है। ‘छपाक’ में दीपिका पादुकोण मुख्य भूमिका में हैं। साल 2020 में रिलीज हुई फिल्म में एसिड विक्टिम की कहानी को पर्दे पर उतारा गया है।

मॉम :- मां कितनी भी भोली-भाली हो, जब बात बच्चों की आती है तो वह शेरनी भी बन जाती है। यही बात साबित करती है साल 2017 में आई श्रीदेवी की फिल्म ‘मॉम’। रवि उदयवार के निर्देशन में बनी फिल्म में रेप की शिकार हुई बेटी के लिए लड़ती एक मां की मजबूत कहानी को बखूबी दिखाया गया है। फिल्म का डायलॉग “भगवान हर जगह नहीं होता है इसीलिए उसने मां बनाई है।” फिल्म के सार को अपने में समेटे हुए है।

पिंक :- महिलाओं के कपड़ों और कैरेक्टर पर सवाल उठाते लोगों को लताड़ लगाती फिल्म ‘पिंक’ के जरिए उन लोगों को कड़ा मैसेज देने की कोशिश की गई, जो जोर-जबरदस्ती को सामान्य मानते हैं। ‘नो का मतलब, नो होता है’ जैसे डायलॉग से सजी फिल्म करारा तमाचा भी लगाती है। साल 2016 में रिलीज फिल्म का निर्देशन अनिरुद्ध रॉय चौधरी ने किया है।

नीरजा :- लड़कियां केवल कोमल या नाजुक नहीं होती हैं, वह समय आने पर दुश्मनों से दो-दो हाथ करने में भी पीछे नहीं हटती हैं और यही मैसेज देती है साल 2016 में रिलीज 23 साल की लड़की के जीवन पर आधारित फिल्म ‘नीरजा’, जो कि महिला के साहस को दिखाती है। फिल्म का निर्देशन राम माधवानी ने किया है।

मर्दानी :- रानी मुखर्जी स्टारर ‘मर्दानी’ और ‘मर्दानी 2’ की कहानी के जरिए महिलाओं पर हुए अत्याचार को दिखाया गया है।

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