कुरुक्षेत्र, 21 जुलाई क्लेरिकल एसोसिएशन वेलफेयर सोसायटी हरियाणा के बैनर तले बड़ी संख्या में कर्मचारियों को आज उस समय पुलिस ने हिरासत में ले लिया जब वे मुख्यमंत्री नायब सैनी के कुरुक्षेत्र स्थित आवास पर पहुंचने का प्रयास कर रहे थे।
वह आज यहां ‘राहगीरी’ कार्यक्रम में भाग लेने आए थे। प्रदर्शनकारी कर्मचारियों ने बताया कि वे सीएम के समक्ष अपनी शिकायत रखना चाहते थे, लेकिन पुलिस ने उन्हें रोक दिया। उन्हें विभिन्न थानों में ले जाया गया और बाद में छोड़ दिया गया। कर्मचारी वेतनमान 21,700 रुपये से बढ़ाकर 35,400 रुपये करने की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं।
‘हम असामाजिक तत्व नहीं हैं’ हम सरकारी कर्मचारी हैं, कोई असामाजिक तत्व नहीं। फिर भी हमें पुलिस ने जबरन बसों में भरकर ले जाया। कर्मचारी पिछले करीब 18 सालों से अपनी मांगों को पूरा करवाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। सरकार मानती है कि वेतनमान बढ़ाया जाना चाहिए, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हो रही है। – शशि भूषण, कर्मचारी
कर्मचारियों ने राज्य सरकार के खिलाफ नारे लगाए और आगामी विधानसभा चुनाव में भाजपा के खिलाफ वोट देने की धमकी दी।
कर्मचारी शशि भूषण ने कहा, “हम सरकारी कर्मचारी हैं, कोई असामाजिक तत्व नहीं। फिर भी हमें पुलिस ने जबरन बसों में भरकर ले जाया। कर्मचारी पिछले 18 सालों से अपनी मांगों को लेकर संघर्ष कर रहे हैं। सरकार मानती है कि वेतनमान बढ़ाया जाना चाहिए, लेकिन राहत देने के लिए कोई कदम नहीं उठाया जा रहा है। अगर सरकार हमारी मांगों को पूरा नहीं करती है, तो हम आंदोलन को और तेज करने पर मजबूर होंगे। सरकार ने लोकसभा चुनाव में मांगें न मानने की कीमत चुकाई है और विधानसभा चुनाव में भी चुकानी पड़ेगी। सरकार हमारे धैर्य की परीक्षा ले रही है। वेतनमान से ज्यादा कर्मचारियों के लिए चल रहा संघर्ष अब प्रतिष्ठा का सवाल बन गया है।”
एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष बलजीत सिंह जून ने कहा, “हमने शनिवार को करनाल से मार्च शुरू किया था और 28 जुलाई को पंचकूला में विरोध प्रदर्शन करेंगे। आज हम सीएम से मिलना चाहते थे, लेकिन हमें जबरन विभिन्न थानों में ले जाया गया और बाद में छोड़ दिया गया। सीएम के आवास का घेराव करने की कोई योजना नहीं थी, हम बस चाहते थे कि हमारी शिकायत सुनी जाए। अब हमारे पास अपने आंदोलन को तेज करने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा है। सोमवार को अपनी नाराजगी दिखाने के लिए भाजपा के जिला कार्यालयों के बाहर विरोध प्रदर्शन करने का फैसला किया गया है। हमने सभी यूनियनों और क्लेरिकल स्टाफ सदस्यों से 28 जुलाई को बड़ी संख्या में विरोध प्रदर्शन में भाग लेने के लिए पंचकूला पहुंचने का आह्वान किया है।”