मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आज कहा कि फिरोजपुर-मंडी-सिराज-अन्नी मार्ग के जरिए राज्य के दूरदराज के गांवों में नशे की आपूर्ति की जा रही है।
शाहपुर विधायक केवल सिंह पठानिया द्वारा नशीली दवाओं के दुरुपयोग को रोकने के लिए नीति पर पेश किए गए प्रस्ताव का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा, “हमारी पुलिस ने नशीली दवाओं के तस्करों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की है, जिसके परिणामस्वरूप नशीली दवाओं के अवैध कारोबार में 30 प्रतिशत की कमी आई है।” उन्होंने कहा, “हमने इस मामले में शून्य सहनशीलता की नीति अपनाई है।”
सुखू ने कहा कि राज्य सरकार सोलन जिले में पहला सरकारी नशा मुक्ति केंद्र खोल रही है, ताकि नशे के आदी लोगों को मुख्यधारा में वापस लाया जा सके। उन्होंने कहा, “हम युवाओं को बंद कमरों में कैद करके नशे से दूर नहीं कर सकते। हम उन्हें मुख्यधारा में वापस लाने में मदद करने के लिए 150 बीघा से ज़्यादा जगह पर नशा मुक्ति केंद्र बना रहे हैं।”
उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ने पीआईटी एनपीडीएस अधिनियम लागू किया है, जिसके तहत संबंधित अधिकारियों को ड्रग तस्करों की संपत्ति जब्त करने और उन्हें निवारक हिरासत में रखने का अधिकार मिला है। उन्होंने कहा, “हम ड्रग्स, मुख्य रूप से ‘चिट्टा’ के प्रसार को नियंत्रित करने के लिए एक सिरे से दूसरे सिरे तक काम कर रहे हैं। हमने आपूर्तिकर्ताओं और उपभोक्ताओं का पता लगाने के लिए सभी पंचायतों का मानचित्रण कर लिया है।”
सुखू ने कहा कि पुलिस अधीक्षकों को चिट्टा सप्लायरों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए हैं और नशे से जुड़े मामले में किसी भी राजनीतिक व्यक्ति, नौकरशाह या किसी अन्य प्रभावशाली व्यक्ति का हस्तक्षेप बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। कुल मिलाकर 15 विधायकों ने इस मामले पर बात की।
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