पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने बुधवार को डिप्टी कमिश्नरों को धान की खरीद और उठान में तेजी लाने के लिए व्यापक क्षेत्रीय दौरे करने के निर्देश दिए।
उपायुक्तों के साथ वर्चुअल बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि केएमएस 2024-25 के आगमन के साथ मंडियों में धान की आवक बढ़ गई है।
उन्होंने कहा कि किसानों को अपनी उपज बेचने में किसी भी प्रकार की असुविधा का सामना नहीं करना पड़ेगा। भगवंत सिंह मान ने कहा कि उपायुक्तों को व्यक्तिगत रूप से अनाज की सुचारू और परेशानी मुक्त खरीद सुनिश्चित करनी चाहिए और इसके लिए कोई कसर नहीं छोड़ी जानी चाहिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा खरीद सीजन के दौरान किसानों द्वारा मंडियों में लाए जाने वाले 185 लाख मीट्रिक टन धान की खरीद किए जाने की उम्मीद है।
उन्होंने कहा कि राज्य में इस समय 32 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में धान की खेती की जा रही है तथा पंजाब ने 185 लाख मीट्रिक टन धान की खरीद का लक्ष्य रखा है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि आरबीआई द्वारा केएमएस 2024-25 के लिए 41,378 करोड़ रुपये की सीसीएल पहले ही जारी कर दी गई है।
मुख्यमंत्री ने स्पष्ट रूप से कहा कि खरीद और उठान में किसी भी प्रकार की ढिलाई अनुचित और अवांछनीय है। उन्होंने कहा कि किसानों की सुविधा के लिए उनकी उपज को जल्द से जल्द खरीदा और उठाया जाना चाहिए।
भगवंत सिंह मान ने कहा कि राज्य सरकार धान की सुचारू और परेशानी मुक्त खरीद के लिए दृढ़ता से प्रतिबद्ध है और अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने के लिए हर संभव प्रयास करने के लिए बाध्य किया जाता है कि सरकार का निर्णय उचित रूप से लागू हो।
मुख्यमंत्री ने उपायुक्तों को जमीनी स्तर पर सम्पूर्ण कार्यकलापों का जायजा लेने के लिए प्रतिदिन 7-8 मंडियों का दौरा करने को कहा। उन्होंने कहा कि अधिकारी अपने अधिकार क्षेत्र के अंतर्गत आने वाली अनाज मंडियों का नियमित दौरा करें तथा नियमित निगरानी के लिए दैनिक रिपोर्ट प्रस्तुत करें।
भगवंत सिंह मान ने खरीद कार्यों पर बारीकी से नजर रखने के लिए भी कहा ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि बाजार में अनाज का स्टॉक जमा न हो और इसका जल्द से जल्द उठान सुनिश्चित किया जा सके।
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों/कर्मचारियों को धान की फसल की आमद, खरीद और भुगतान की दैनिक रिपोर्ट व्यक्तिगत रूप से उन्हें सौंपकर खरीद कार्यों के संबंध में उन्हें अपडेट रखने के लिए कहा।
भगवंत सिंह मान ने कहा कि राज्य सरकार ने किसानों की फसल को अनाज मंडियों से सुचारू, समय पर और परेशानी मुक्त तरीके से उठाने को सुनिश्चित करने के लिए पहले ही विस्तृत व्यवस्था की है।
उन्होंने राज्य सरकार की इस बात की दृढ़ प्रतिबद्धता दोहराई कि वह यह सुनिश्चित करेगी कि किसानों को अपनी उपज बेचने में किसी भी प्रकार की समस्या का सामना न करना पड़े।
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