पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने कहा कि राज्य सरकार भगवान वाल्मीकि जी द्वारा दिखाए गए मार्ग और उच्च आदर्शों पर चल रही है ताकि समतामूलक समाज का निर्माण किया जा सके।
भगवान श्री वाल्मीकि तीर्थ स्थल (राम तीर्थ) अमृतसर में माथा टेकने के बाद उपस्थित जनसमूह को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने दोहराया कि भगवान वाल्मीकि जी संस्कृत भाषा के पितामह और दुनिया के पहले कवि या आदि कवि थे, जिन्होंने अपनी अमर और उत्कृष्ट रचना रामायण के माध्यम से बुराई पर अच्छाई की जीत का संदेश दिया।
भगवंत सिंह मान ने यह भी कहा कि यह महान महाकाव्य सदियों से लोगों को जीवन जीने का तरीका सिखाता रहा है तथा लोगों के लिए नैतिक जीवन जीने का प्रकाश स्तंभ रहा है, जो वर्तमान भौतिकवादी समाज में कहीं अधिक प्रासंगिक है।
उन्होंने कहा कि भगवान वाल्मीकि जी की शिक्षाएं समाज में समानता पर बल देती हैं, साथ ही आदर्श राज्य या समाज के निर्माण के लिए आदर्श व्यक्ति, आदर्श शासक और आदर्श लोगों द्वारा अपनाई जाने वाली नैतिकता पर भी बल देती हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पंजाब महान गुरुओं, संतों, द्रष्टाओं और पैगम्बरों की भूमि है। उन्होंने कहा कि यह बहुत गर्व की बात है कि भगवान वाल्मीकि जी ने इस पवित्र भूमि पर भगवान राम जी के पुत्रों लव और कुश को शिक्षा प्रदान की थी।
भगवंत सिंह मान ने कहा कि वह भाग्यशाली हैं कि उन्हें इस पवित्र भूमि पर नतमस्तक होने का अवसर मिला है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार इस पवित्र स्थान के सर्वांगीण विकास के लिए संसाधन उपलब्ध करवाने के लिए प्रतिबद्ध है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि भगवान वाल्मीकि जी के जीवन और दर्शन को कायम रखने के लिए इस स्थान के सौंदर्यीकरण के लिए हर संभव कदम उठाए जाएंगे। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार समाज के हर वर्ग की भलाई सुनिश्चित करने के लिए भगवान वाल्मीकि जी के पदचिन्हों पर चल रही है।
भगवंत सिंह मान ने कहा कि राज्य सरकार पंजाब में सांप्रदायिक सद्भावना, भाईचारे और शांति की भावना को और मजबूत करने के लिए हर संभव कदम उठा रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस पवित्र भूमि के सर्वांगीण विकास के लिए धन की कोई कमी नहीं है तथा इसके लिए कोई कसर नहीं छोड़ी जाएगी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने बुनियादी ढांचे को उन्नत करके पंजाब में सीवरेज-कर्मियों के साथ अमानवीय व्यवहार को समाप्त करने का निर्णय लिया है।
भगवंत सिंह मान ने कहा कि राज्य सरकार ने सीवरेज कर्मियों के कार्य को सुचारू रूप से चलाने के लिए नई मशीनरी खरीदी है।
सरकारी सेवा से संविदा शब्द को समाप्त करने की राज्य सरकार की दृढ़ प्रतिबद्धता को दोहराते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार पहले से ही सफाई कर्मचारियों की सेवाओं को नियमित करने की नीति पर विचार कर रही है।
उन्होंने कहा कि इस उद्देश्य के लिए एक उच्चाधिकार प्राप्त समिति पहले ही गठित की जा चुकी है तथा इसके लिए शीघ्र ही एक व्यवहार्य तंत्र विकसित किया जाएगा।
भगवंत सिंह मान ने कहा कि उनका दृढ़ विश्वास है कि गरीबी केवल नेताओं के दिखावटी बयानों से समाप्त नहीं होगी, बल्कि आम आदमी के सशक्तिकरण से इसे समाप्त किया जा सकता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि शिक्षा ही वह कुंजी है जो लोगों के जीवन स्तर को ऊपर उठाकर उन्हें गरीबी से बाहर निकाल सकती है।
भगवंत सिंह मान ने कहा कि उनकी सरकार आम आदमी को सशक्त बनाने के लिए शिक्षा के स्तर को सुधारने के लिए अथक प्रयास कर रही है।
उन्होंने कहा कि आज सरकारी स्कूलों के छात्र जेईई और अन्य प्रतिष्ठित परीक्षाओं में सफल हो रहे हैं और इससे उनके जीवन स्तर को सुधारने में मदद मिलेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार राज्य में स्वास्थ्य और शिक्षा प्रणाली के कायाकल्प के लिए ठोस प्रयास कर रही है।
उन्होंने कहा कि अब तक अपने बच्चे को सरकारी स्कूल में भेजना आम आदमी की मजबूरी थी, लेकिन छह महीने के भीतर उनकी इच्छा होगी कि वे भी सरकारी स्कूल में भेजें, क्योंकि शिक्षा प्रणाली में सुधार किया जा रहा है।
भगवंत सिंह मान ने कहा कि विद्यार्थियों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने के लिए राज्य भर में उत्कृष्ट विद्यालय स्थापित किए गए हैं तथा इसी प्रकार सरकारी स्वास्थ्य प्रणाली को भी उन्नत किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार द्वारा 860 आम आदमी क्लीनिक स्थापित किए जा चुके हैं, जिनमें 2 करोड़ से अधिक लोगों का इलाज किया जा चुका है और उनमें से 95 प्रतिशत लोग अब स्वस्थ हैं। उन्होंने कहा कि इन क्लीनिकों की स्थापना की गई है, जिससे लोगों को उनके घर के नजदीक ही बेहतरीन स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध करवाई जा रही हैं।
भगवंत सिंह मान ने कहा कि इन क्लीनिकों ने सरकार को राज्य में प्रचलित विभिन्न बीमारियों की जांच करने और उनसे प्रभावी ढंग से निपटने के लिए एक डेटाबेस तैयार करने में भी मदद की है।
इसी तरह मुख्यमंत्री ने कहा कि उनके द्वारा 27 जनवरी, 2024 को जालंधर के पीएपी परिसर में सड़क सुरक्षा बल (एसएसएफ) की शुरुआत की गई थी और अपने अस्तित्व के आठ महीनों में इसने सड़क दुर्घटनाओं के कारण होने वाली मौतों की संख्या को 45.03 प्रतिशत तक कम करने में मदद की है।
उन्होंने कहा कि फरवरी से सितम्बर 2023 तक राज्य की सड़कों पर दुर्घटनाओं में 1454 लोगों की मृत्यु हुई थी, जबकि इस वर्ष इस बल के गठन के बाद फरवरी 2024 से सितम्बर 2024 तक सड़क दुर्घटनाओं में 794 लोगों की मृत्यु हुई है।
इसी प्रकार भगवंत सिंह मान ने कहा कि इस अवधि के दौरान 15309 घायलों को प्राथमिक उपचार प्रदान किया गया। उन्होंने कहा कि किसी भी दुर्घटना के मामले में एसएसएफ का प्रतिक्रिया समय मात्र 6-8 मिनट है और यह बल लोगों के लिए ‘जीवनरक्षक’ के रूप में उभरा है।