राज्य की शिक्षा व्यवस्था में क्रांतिकारी बदलाव लाने के उद्देश्य से पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने लुधियाना जिला प्रशासन के डिजिटल शिक्षा कार्यक्रम के तहत सरकारी स्कूलों के विद्यार्थियों को लैपटॉप बांटने की शुरुआत करके यह पहल की है।
जानकारी के अनुसार, इस अवसर पर संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि यह खुशी की बात है कि सरकारी स्कूलों के विद्यार्थियों को डिजिटल शिक्षा के माहौल में आवश्यक उपकरणों से लैस किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि ये लैपटॉप डिजिटल शिक्षा के विस्तार के व्यापक प्रयास का हिस्सा हैं, जिससे सभी छात्रों की शिक्षा तक सुरक्षा और पहुंच सुनिश्चित होगी। भगवंत सिंह मान ने कहा कि इस पहल के पहले चरण के तहत दिए जा रहे प्राइम बुक 4जी लैपटॉप दुनिया के सबसे किफायती लैपटॉपों में से हैं और विद्यार्थियों की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए बेहतर प्रदर्शन के लिए विशेष रूप से डिजाइन किए गए हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि लुधियाना जिले के 14 सरकारी स्कूलों के विद्यार्थियों को बांटे जा रहे ये लैपटॉप ई.आई., पी.ए.एल. माइंडस्पार्क सॉफ्टवेयर ऐसे मॉड्यूल से सुसज्जित है जो व्यक्तिगत शिक्षण प्रदान करता है। उन्होंने कहा कि इस क्रांतिकारी परियोजना का उद्देश्य छात्रों की डिजिटल शिक्षा तक पहुंच सुनिश्चित करना है ताकि सभी पृष्ठभूमि के छात्र आधुनिक तकनीक तक अपनी पहुंच में सुधार कर सकें। भगवंत सिंह मान ने कहा कि ईआई, पाल. माइंडस्पार्क टेक्नोलॉजी छात्रों का एआई यह प्रौद्योगिकी तक पहुंच के साथ-साथ व्यक्तिगत आवश्यकताओं के अनुसार शिक्षा पर जोर देता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि ये लैपटॉप किफायती और टिकाऊ होने के साथ-साथ आधुनिक डिजिटल सुरक्षा मानकों जैसे सुरक्षित ऑपरेटिंग सिस्टम, नियंत्रित पहुंच और डेटा एन्क्रिप्शन से लैस हैं, जो सुरक्षित और सुचारू शिक्षण अनुभव सुनिश्चित करेंगे। उन्होंने इस कार्यक्रम की सफलता के लिए प्रशासन को बधाई दी। भगवंत सिंह मान ने सरकारी स्कूलों के विद्यार्थियों को कॉन्वेंट स्कूलों के विद्यार्थियों के साथ प्रतिस्पर्धा करने में सक्षम बनाने के लिए अपनी प्रतिबद्धता दोहराई और कहा कि इसके लिए हर संभव प्रयास किया जाएगा।
इस दौरान उपायुक्त जितेंद्र जोरवाल ने बताया कि यह पहल शैक्षणिक परिणामों में सुधार के लिए एक प्रायोगिक मॉडल पर आधारित है, जिसके तहत किफायती एवं उच्च विशिष्टता वाले लैपटॉप उपलब्ध करवाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह कार्यक्रम छात्रों को डिजिटल कौशल और ज्ञान प्रदान करेगा तथा शिक्षार्थियों को शिक्षण विधियों में डिजिटल संसाधनों को एकीकृत करने का अवसर देगा।
श्री जोरवाल ने कहा कि इस पहल के माध्यम से प्रशासन ने डिजिटल विभाजन को पाटने और छात्र-केंद्रित गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और सुरक्षा प्रदान करने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया है।
Leave feedback about this