मुंबई, 3 सितंबर । महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने मंगलवार को महाराष्ट्र राज्य सड़क परिवहन निगम (एमएसआरटीसी) के कर्मचारियों से हड़ताल वापस लेने की अपील की। उन्होंने कर्मचारियों को बुधवार को उनके मुद्दों पर चर्चा के लिए एक बैठक करने का आश्वासन भी दिया।
महाराष्ट्र राज्य सड़क परिवहन निगम के कर्मचारी मंगलवार सुबह अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए। कर्मचारियों की 11 ट्रेड यूनियनों की एक्शन कमेटी ने अनिश्चितकालीन हड़ताल का आह्वान किया है। सुबह 8 बजे से राज्य की 251 डिपो में से 50 से अधिक पर सेवाएं ठप हैं। हालांकि, इस दौरान कुछ बस सेवाएं आंशिक रूप से चालू हैं।
सीएम शिंदे ने कर्मचारियों से हड़ताल को खत्म करने की अपील की है।
सीएम शिंदे ने कहा, “सरकार ने बुधवार को एक बैठक बुलाई है। एमएसआरटीसी कर्मचारियों के विभिन्न मुद्दों पर चर्चा के लिए पहले ही एक बैठक आयोजित की गई थी। राज्य परिवहन निगम की बसें महाराष्ट्र की लाइफ लाइन हैं, जो गांव-गांव तक जाती है। गणेशोत्सव नजदीक है। कई नागरिक बाजार जाने के लिए बसों का इस्तेमाल करते हैं। इसलिए मेरी एमएसआरटीसी कर्मचारियों से अपील है कि वे हड़ताल पर न जाएं। सरकार आपके मुद्दों का समाधान करेगी।”
हड़ताल पर गए कर्मचारी राज्य सरकार के कर्मचारियों के बराबर वेतन की मांग कर रहे हैं। उन्होंने निजीकरण का कड़ा विरोध किया है, लेकिन स्थायी संचालन के लिए राज्य सरकार से अधिक धन की मांग की है। हालांकि, मुख्यमंत्री शिंदे की अपील के बावजूद एमएसआरटीसी कर्मचारियों ने अपनी हड़ताल जारी रखने का फैसला किया है।
ट्रेड यूनियन सूत्रों के अनुसार, मराठवाड़ा के लातूर और नांदेड़ डिवीजन में एमएसआरटीसी के अधिकतर डिपो हड़ताल के कारण बंद हैं, जबकि पश्चिमी महाराष्ट्र के कोल्हापुर और सोलापुर डिवीजन में बसें सुचारू रूप से चल रही हैं।
इसके अलावा पुणे जिले के शिवाजीनगर, वल्लभनगर, भोर, सासवड, बारामती और तालेगांव के डिपो भी बंद हैं। इसी तरह, सांगली जिले के मिरज, जाट और पलूस सहित कई डिपो हड़ताल के मद्देनजर बंद हैं।