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सहकारी बैंक ने 4.2 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी की सीबीआई जांच की मांग की

Co-operative Bank demands CBI probe into fraud of Rs 4.2 crore

सोलन, 20 अगस्त हिमाचल प्रदेश राज्य सहकारी बैंक की नोहराधार शाखा में 4.02 करोड़ रुपए के गबन का मामला उजागर होने के एक सप्ताह से अधिक समय बाद बैंक प्रबंधन ने आज मामले की सीबीआई जांच की संस्तुति की है, जबकि सात कर्मचारियों को निलंबित कर दिया है तथा 10 अन्य को कारण बताओ नोटिस जारी कर उनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई शुरू कर दी है। मामले की निष्पक्ष जांच सुनिश्चित करने के लिए शेष बैंक कर्मचारियों को अन्य शाखाओं में स्थानांतरित कर दिया गया है। गबन की विभागीय जांच के आदेश दे दिए गए हैं, जिसके लिए जानकारी जुटाई जा रही है।

हिमाचल प्रदेश राज्य सहकारी बैंक के चेयरमैन देवेंद्र श्याम ने कहा कि इस तरह की घटनाएं बैंक के लिए बेहद चिंताजनक और अस्वीकार्य हैं। “बैंक के एक सहायक प्रबंधक ने फर्जी ऋण खाते खोलकर धन का गबन किया। प्रारंभिक जांच के अनुसार, अभी तक किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है। करीब 4.02 करोड़ रुपये की राशि का पता चला है और विस्तृत विभागीय जांच चल रही है। हालांकि, जांच पूरी होने के बाद ही सही राशि का पता चल पाएगा।”

उन्होंने कहा कि इस मामले को अत्यंत संवेदनशील मानते हुए तथा नाबार्ड द्वारा निर्धारित मानदंडों के अनुसार बैंक प्रबंधन ने इसकी जांच सीबीआई से करवाने का निर्णय लिया है तथा पूरा मामला सीबीआई को भेज दिया गया है।

उन्होंने बैंक के ग्राहकों को आश्वस्त किया कि उनके द्वारा बैंक में जमा की गई पूंजी पूरी तरह सुरक्षित है और उन्हें किसी भी बात की चिंता नहीं करनी चाहिए।

बैंक के प्रबंध निदेशक श्रवण मंटा ने भी इसी तरह की बात कहते हुए कहा कि चूंकि बैंक कर्मचारी संस्थान की रीढ़ हैं, इसलिए इस तरह की धोखाधड़ी करना बैंक और ग्राहकों पर जघन्य हमला है। उन्होंने कहा कि इस घटना में शामिल किसी भी कर्मचारी को बख्शा नहीं जाएगा।

एफआईआर के अनुसार शाखा प्रबंधक ज्योति प्रकाश ने अपने अधिकारों का दुरुपयोग करते हुए फर्जी नामों पर किसान क्रेडिट कार्ड खोले और उनमें 4.02 करोड़ रुपये की स्वीकृत राशि जमा की। इस पैसे को टर्म लोन बैंक के अपने डिपॉजिट और कैश क्रेडिट लिमिट बैंक के अपने डिपॉजिट खातों में ट्रांसफर किया गया, जिन्हें बाद में गबन कर लिया गया और इन खातों को बंद कर दिया गया।

उन्होंने खाताधारकों के फिक्स्ड डिपॉजिट खातों से भी पैसे उड़ाए, जिसकी जांच करने पर बड़ी अनियमितताएं सामने आईं। कई खातों से न केवल लाखों रुपए निकाले गए, बल्कि कुछ ग्राहक यह देखकर हैरान रह गए कि उनके खातों में नगण्य राशि है। बैंक प्रबंधन ने 11 अगस्त को एफआईआर दर्ज कराई थी

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