भिवानी निवासियों द्वारा गठित रेलवे ओवर ब्रिज समिति ने भिवानी में रेवाड़ी-बठिंडा रेल खंड पर एलसी 52 पर चल रहे रेलवे ओवर ब्रिज के निर्माण में देरी के लिए राज्य के जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग (पीएचईडी) को जिम्मेदार ठहराया है।
दिनोद रोड स्थित श्याम बाग मीटिंग हॉल में आयोजित बैठक की अध्यक्षता समिति के प्रधान लाला पहलवान ने की। निवासियों ने बैठक की। पहलवान ने कहा कि उन्होंने निर्माणाधीन ओवरब्रिज के दोनों ओर रिटेनिंग वॉल के साथ सर्विस रोड बनाने की मांग उठाई है। महासचिव राम सिंह वैद्य, उपाध्यक्ष ओमपाल चौहान और संयोजक रोहतास वर्मा समेत समिति के पदाधिकारियों ने कहा कि आरओबी निर्माण कार्य के लिए समय अवधि तय की जानी चाहिए।
‘देरी के लिए शीर्ष अधिकारी जिम्मेदार’ आरओबी निर्माण कार्य में देरी के लिए जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के चंडीगढ़ व भिवानी कार्यालयों के उच्च अधिकारियों को जिम्मेदार ठहराया रहवासी समिति ने निर्माणाधीन ओवरब्रिज के दोनों ओर रिटेनिंग वॉल के साथ सर्विस रोड बनाने की मांग उठाई है।
आरओबी परियोजना को 2018 में लोगों की लंबे समय से चली आ रही मांग के बाद अंतिम रूप दिया गया था क्योंकि रेलवे क्रॉसिंग के कारण क्षेत्र के लगभग 60,000 निवासियों की सुविधाजनक आवाजाही प्रभावित हुई थी
पुल के ढेर लगाते समय सीवरेज लाइन समय पर नहीं हटाई गई, जिससे कई दिनों तक काम रुका रहा, निवासियों का आरोप पहलवान ने आरोप लगाया कि जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग शुरू से ही पुल के निर्माण में अड़चनें डाल रहा है। पुल के ढेर लगाते समय सीवरेज लाइन को समय पर नहीं हटाया गया, जिसके कारण कई दिनों तक काम रुका रहा। उन्होंने कहा कि कृष्णा कॉलोनी में पिलर का काम भी रोकना पड़ा।
उन्होंने आरोप लगाया कि जीतू वाला कॉलोनी की तरफ बार-बार अनुरोध के बावजूद पीएचईडी अधिकारी सीवर और पानी की लाइनों को शिफ्ट करने में बहानेबाजी करते रहे। उन्होंने कहा कि देरी के कारणों की जांच होनी चाहिए, क्योंकि इसके लिए संबंधित अधिकारी भी जिम्मेदार हैं।
बैठक में उपस्थित सदस्यों ने आरओबी निर्माण कार्य में देरी के लिए जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के चंडीगढ़ व भिवानी कार्यालयों के उच्च अधिकारियों को जिम्मेदार ठहराया। पहलवान ने आरोप लगाया कि चंडीगढ़ मुख्यालय के अधिकारियों ने भी इस मामले में कोई संज्ञान नहीं लिया।
प्रधान ने कहा कि भिवानी महेंद्रगढ़ के सांसद धर्मबीर सिंह ने दो दिन पहले हुई बैठक में देरी के लिए अधिकारियों को फटकार लगाई थी और देरी के लिए संबंधित अधिकारियों पर जुर्माना लगाने के निर्देश भी दिए थे। सदस्यों ने सांसद द्वारा देरी के लिए मामले की जांच करने और जवाबदेही तय करने तथा पुल के निर्माण में 18 महीने की देरी के कारण हुए अतिरिक्त खर्च की भरपाई के लिए अधिकारियों पर जुर्माना लगाने के निर्देशों का पुरजोर समर्थन किया।
इस परियोजना को 2018 में लोगों की लंबे समय से चली आ रही मांग के बाद अंतिम रूप दिया गया था, क्योंकि रेलवे क्रॉसिंग के कारण क्षेत्र के लगभग 60,000 निवासियों की सुविधाजनक आवाजाही प्रभावित हो रही थी।
हालांकि तत्कालीन मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने 27 अक्टूबर 2020 को इस परियोजना का शिलान्यास किया था, लेकिन करीब 6 महीने बाद 21 अप्रैल 2021 को सांसद धर्मबीर सिंह और भिवानी विधायक घनश्याम शराफ की मौजूदगी में काम शुरू हुआ।
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