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बाढ़ के बाद घरों की हालत खस्ता, प्रशासन ने रिपोर्ट मांगी

Condition of houses deteriorated after flood, administration asked for report

नूरपुर, 13 अगस्त भेड़खुद नाले में अचानक आई बाढ़ के कारण बड़े पैमाने पर पहाड़ी कटान के कारण कोटला क्षेत्र में राजोल ग्राम पंचायत के अंतर्गत लूथर गांव के कुछ घर खतरे की स्थिति में आ गए हैं।

पिछले एक पखवाड़े से हो रही मूसलाधार बारिश ने लोगों की रातों की नींद उड़ा दी है। हरि सिंह नामक एक ग्रामीण की कृषि भूमि पर खड़ी फसलें बर्बाद हो गई हैं, क्योंकि नदी में रेत, बजरी और पत्थर भर गए हैं। कोटला के पास स्थानीय देवी माता बगुलामुखी तक जाने वाला पैदल रास्ता भी बाढ़ में बह गया है।

जानकारी के अनुसार, 10 से ज़्यादा ग्रामीणों के घर ख़तरे में हैं। प्रभावित ग्रामीण रात में जागकर निगरानी कर रहे हैं ताकि भारी बारिश होने पर वे तुरंत प्रतिक्रिया कर सकें।

स्थानीय ग्राम पंचायत ने गांव को मृदा कटाव से बचाने के लिए गैबियन दीवार और कंक्रीट की रिटेनिंग दीवार का निर्माण किया था, लेकिन अचानक आई बाढ़ ने इन सुरक्षात्मक संरचनाओं को बहा दिया।

लगातार खतरे के बीच जी रहे निवासियों ने राज्य सरकार से इस समस्या का स्थायी समाधान निकालने की अपील की है। उन्होंने कहा कि अधिकारियों को बाढ़ राहत कोष से लूथर गांव में सुरक्षा दीवार बनवानी चाहिए।

जवाली के एसडीएम विचतर सिंह ने कहा कि नायब तहसीलदार को प्रभावित क्षेत्र की जमीनी रिपोर्ट तैयार करने के निर्देश दिए गए हैं ताकि आगे की कार्रवाई की जा सके।

प्रधान पुष्पा देवी ने बताया कि लूथर गांव को बचाने के लिए कंक्रीट की सुरक्षा दीवार बनाने के लिए ग्राम पंचायत ने मनरेगा फंड से पैसे मंजूर किए हैं। उन्होंने कहा कि मानसून के बाद काम शुरू हो जाएगा। उन्होंने माना कि गांव के भेरखुद के किनारे बनी पुरानी गैबियन दीवार बह गई है।

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