नई दिल्ली, 4 अप्रैल । लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस और राष्ट्रीय जनता दल को बड़ा राजनीतिक झटका लगा है। कांग्रेस प्रवक्ता गौरव वल्लभ और बिहार कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष अनिल शर्मा ने गुरुवार को भाजपा का दामन थाम लिया। इन दोनों नेताओं के साथ राष्ट्रीय जनता दल के नेता एवं पूर्व लोकसभा उम्मीदवार उपेंद्र प्रसाद ने भी भाजपा का दामन थाम लिया।
भाजपा राष्ट्रीय महासचिव विनोद तावड़े और संजय मयूख की मौजूदगी में गौरव वल्लभ, अनिल शर्मा और उपेंद्र प्रसाद ने गुरुवार को पार्टी मुख्यालय में भाजपा की सदस्यता ग्रहण की।
विनोद तावड़े ने कहा कि गौरव वल्लभ कांग्रेस के पिछले 10 वर्षों से प्रवक्ता रहे हैं। बिहार में कांग्रेस अपनी पार्टी को खुद खत्म करने पर तुली हुई है, कांग्रेस आलाकमान बिहार प्रदेश पर जिस तरह से अपने फैसले थोप रही है, उससे कांग्रेस के नेता बिहार में दुखी हैं।
वहीं उपेंद्र प्रसाद अपने इलाके के मजबूत नेता हैं। इन तीनों नेताओ के आने से पार्टी को बल मिलेगा और उन्हें विश्वास है कि इन तीनों नेताओं की क्षमता का सदुपयोग करते हुए पार्टी विकसित भारत की दिशा में और मजबूती से काम करेगी।
वहीं भाजपा में शामिल होने के बाद गौरव वल्लभ ने कहा कि वह अपने पत्र में अपनी वेदना और व्यथा लिख चुके हैं। उन्होंने कहा कि राममंदिर के शिलान्यास कार्यक्रम के न्योते को ठुकराने से वह दुखी हैं, वह दिन भर वेल्थ क्रिएटर्स की आलोचना नहीं कर सकते और न ही कांग्रेस पार्टी की तरह लगातार सनातन धर्म का अपमान कर सकते हैं।
उन्होंने कहा कि वह अपनी क्षमता का सदुपयोग भारत जैसे महान देश को आगे ले जाने के लिए करना चाहते हैं और इसलिए उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भाजपा में शामिल होने का फैसला किया। भाजपा में शामिल होने के बाद बिहार कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष अनिल शर्मा ने कहा कि कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी और कांग्रेस के वर्तमान अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, दोनों ही नेता घोर साम्प्रदायिक नजरिया रखते हैं। सोनिया गांधी अयोध्या में राम मंदिर के शिलान्यास कार्यक्रम के न्योते को ठुकरा देती हैं, लेकिन ईसाई धर्म के कार्यक्रम के लिए पार्टी के दो बड़े नेताओं को इटली भेजती हैं।
उन्होंने राहुल गांधी की भी कड़ी आलोचना की। राष्ट्रीय जनता दल के नेता एवं पूर्व लोकसभा उम्मीदवार उपेंद्र प्रसाद ने भाजपा में शामिल होने के बाद लालू यादव पर भ्रष्टाचार और परिवारवाद का आरोप लगाते हुए कहा कि पिछली बार वह महागठबंधन के उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़े थे, जिसमें सबसे कम अंतर से हारने वालो में बिहार में वह तीसरे नंबर पर थे लेकिन इस बार उन्हें टिकट देने के लिए पैसे मांगे गए इसलिए उन्होंने आरजेडी छोड़ने का फैसला किया।
इससे पहले विनोद तावड़े ने छत्तीसगढ़ में कांग्रेस के नेता चरण दास महंत द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रति दिए गए बयान, रणदीप सुरजेवाला के बयान और कच्छतीवु द्वीप को लेकर विपक्षी गठबंधन में शामिल एमडीएमके के संस्थापक वाइको द्वारा लगाए गए आरोप का मुद्दा उठाते हुए कांग्रेस नेता राहुल गांधी से तीन सवाल भी पूछे।