भोपाल, 5 मार्च । भारतीय जनता पार्टी द्वारा मध्य प्रदेश के लोकसभा उम्मीदवारों की पहली सूची जारी करने के बाद कांग्रेस में सक्रियता बढ़ गई है, मगर उसके सामने बड़ी उलझन है सशक्त और जनाधार वाले उम्मीदवार की तलाश।
राज्य में लोकसभा की 29 सीटें हैं और इनमें से 24 सीटों के लिए भाजपा अपने उम्मीदवारों के नाम का ऐलान कर चुकी है। अब सिर्फ पांच उम्मीदवारों के नाम की घोषणा बाकी है। वहीं दूसरी ओर कांग्रेस अब तक एक भी उम्मीदवार के नाम का ऐलान नहीं कर पाई है।
कांग्रेस की पहली सूची जल्दी ही आने का दावा पार्टी के तमाम नेता कर रहे हैं।
वर्ष 2019 में हुए लोकसभा चुनाव पर गौर करें तो 29 सीटों में से भाजपा ने 28 सीटें जीती थी, वहीं कांग्रेस को सिर्फ छिंदवाड़ा सीट पर जीत दर्ज कर संतोष करना पड़ा था।
आगामी चुनाव में भाजपा जहां सभी 29 सीटों पर जीत का दावा कर रही है, वहीं कांग्रेस भी अपने पिछले चुनाव के नतीजे में सुधार का भरोसा दिला रही है। कांग्रेस के सामने सबसे बड़ी समस्या सक्षम और जनाधार वाले व्यक्ति को उम्मीदवार बनाने की है। ऐसा इसलिए क्योंकि पार्टी के कई बड़े नेता लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए तैयार नहीं हैं।
अब पार्टी को फैसला करना है कि इन दिग्गज नेताओं को मैदान में उतार जाए या नए चेहरों को मौका दिया जाए।
पार्टी के कार्यकर्ता अपने-अपने क्षेत्र के प्रभावशाली नेता को मैदान में उतारने की बात कह चुके हैं मगर अब तक पार्टी की ओर से ऐसे संकेत नहीं मिल रहे हैं कि वह बड़े नामों को मैदान में उतारेगी।
पार्टी सूत्रों का कहना है कि बड़े नेताओं द्वारा चुनाव लड़ने में रुचि न दिखाए जाने के कारण पार्टी कुछ विधायकों को लोकसभा चुनाव में उम्मीदवार बनाने पर विचार कर रही है। संभावना इस बात की है कि पहली सूची में ही कई विधायकों के नाम हो सकते हैं।