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डेटा प्रोटेक्शन एक्ट लागू होने के बाद ही थम सकता है साइबर अपराध : साइबर एक्सपर्ट

Cyber ​​crime can stop only after the implementation of Data Protection Act: Cyber ​​expert

नोएडा, 5 मार्च । नोएडा साइबर अपराधियों की पहली पसंद और ठिकाना बनता जा रहा है। एक के बाद एक फर्जी कॉल सेंटर का खुलासा हो रहा है। कई देशी और विदेशी नागरिक ठगी करते हुए पकड़े जा रहे हैं। सोमवार को भी पुलिस ने एक चीनी नागरिक को गिरफ्तार किया जो कंबोडिया में फर्जी कॉल सेंटर के जरिए लोगों से 100 करोड़ से ज्यादा की ठगी कर चुका है।

ग्रेटर नोएडा के बिसरख पुलिस ने सूचना के आधार पर ग्रेटर नोएडा वेस्ट स्थित गौर सिटी मॉल के पास होटल से तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया। इस गैंग का सरगना चीन का नागरिक बगैर वीजा के नेपाल के रास्ते से भारत आया था। ये लोग कोरियर से कंबोडिया सिम कार्ड भेजते थे। उनके पास से 531 सिम कार्ड और कई विदेशी मुद्राएं बरामद हुई हैं।

यह कोई पहला मामला नहीं है। इससे पहले भी सैकड़ो फर्जी कॉल सेंटर और साइबर ठगों को पुलिस गिरफ्तार कर चुकी है। लेकिन देश में डाटा प्रोटक्शन एक्ट तो आ गया है लेकिन इसे पूरी तरीके से लागू नहीं किया गया है, जिसके कारण अभी भी बड़ी-बड़ी कंपनियां, दुकानें और अन्य जगहों पर आम आदमी का डेटा सेफ नहीं है। साइबर हैकर बड़ी आसानी से डेटा हैक कर और कई कंपनियों से डेटा खरीद कर लोगों से ठगी करते हैं।

पिछले साल ही नोएडा में 2000 करोड़ रुपए का डेटा चीन भेजने का मामला सामने आया था। एसटीएफ ने थाना बीटा टू क्षेत्र में फर्जीवाड़े का पर्दाफाश करते हुए 18 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया था।

इसके अलावा बीते साल जुलाई में ग्रेटर नोएडा के सूरजपुर से चीन के दो नागरिकों को गिरफ्तार किया गया था। नोएडा की कंपनी से डेटा चीन भेजा जा रहा था।

साइबर एक्सपर्ट पवन दुग्गल ने बताया है कि हमारे देश में डाटा प्रोटक्शन एक्ट आ तो गया है लेकिन पूरी तरीके से लागू नहीं किया गया है, जिसके चलते साइबर अपराध लगातार बढ़ रहे हैं और पड़ोसी देश हम पर लगातार हमला कर रहे हैं।

उन्होंने बताया कि हमारा डेटा बहुत आसानी से बैंकों से, हॉस्पिटल से, रिटेल कंपनियों से, हैकर्स को मिल जाता है और उसके साथ-साथ बहुत कम दामों में डाटा खरीदा भी जाता है।

उन्होंने कहा कि डेटा दो तरीके से मिलता है। एक उस कंपनी के डेटा बेस में जाकर उसे हैक कर और दूसरा बहुत कम दामों में खरीद कर।

उन्होंने बताया कि हमारा पड़ोसी मुल्क चीन यह चाहता है कि भारत की बढ़ती प्रोग्रेस को रोका जाए। इसीलिए यहां से ज्यादा से ज्यादा डेटा चीन में पहुंचकर वहां के साइबर हैकर्स और अपराध करने वाले लोगों को निशाना बनाते रहते हैं। इसीलिए ज्यादा से ज्यादा डेटा चीन अपने पास रखना चाहता है।

इस समय चीन को भारत अपना सबसे बड़ा कंपीटीटर मान रहा है और चीन चाहता है कि यहां की अर्थव्यवस्था को खराब किया जाए इसीलिए चाइनीस एप के जरिए और हमारे डेटा का इस्तेमाल कर चीन, लोगों के बीच में पहुंच कर हमारी अर्थव्यवस्था को खराब करना चाहता है।

पवन दुग्गल के मुताबिक, डेटा कहीं से भी कभी भी लीक हो सकता है। इसलिए भारत सरकार सभी से कहती है कि काफी ज्यादा सावधानी बरतें। हर किसी को अपनी हर जानकारी ना दे। अभी भारत के पास साइबर अपराध को लेकर कोई डेडीकेटेड कानून नहीं है। इसीलिए लोगों को काफी ज्यादा सावधानी बरतनी होगी।

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