पूर्व मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने आज कहा कि प्रदेश की कांग्रेस सरकार ने राजनीतिक स्वार्थ के चलते आम आदमी केंद्रित जन मंच कार्यक्रम को बंद कर दिया है।
उन्होंने कहा, “कठिन भौगोलिक परिस्थितियों वाले राज्य में जन मंच अपने आप में एक अनूठा कार्यक्रम था। इसके तहत सरकार पूरे प्रशासनिक अमले के साथ लोगों के बीच पहुंचती थी और उनकी समस्याओं का समाधान उनके घरद्वार पर करती थी। छोटे-बड़े मामले जिनके लिए आम लोगों को कई घंटे और सैकड़ों किलोमीटर का सफर तय करना पड़ता था, वे घर बैठे ही बिना किसी खर्चे के आराम से हो जाते थे।”
उन्होंने कहा कि पिछली भाजपा सरकार द्वारा शुरू किए गए जन मंच जैसे कार्यक्रमों से सरकार की आम लोगों तक पहुंच आसान हुई। उन्होंने कहा कि एक दिन में हजारों लोगों की शिकायतों का समाधान किया गया।
उन्होंने कहा, “कांग्रेस ने सत्ता में आने के बाद जनमंच को अपने राजनीतिक एजेंडे का शिकार बना दिया। इसे ऐसे नाम दिए गए जो सभ्य समाज में कहना भी संभव नहीं था।”
ठाकुर ने बताया कि 256 जन मंच कार्यक्रमों में 50,000 शिकायतों का मौके पर ही निपटारा किया गया। उन्होंने कहा, “इससे हर शिकायतकर्ता के हजारों रुपये बच गए, जो उन्हें यात्रा और कागजी कार्रवाई पर खर्च करने पड़ते।”