चंडीगढ़ से कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के निधन पर गहरा दुख व्यक्त करते हुए उन्हें लाखों लोगों के लिए प्रेरणा का स्रोत बताया।
तिवारी ने अपने भावपूर्ण वक्तव्य में डॉ. सिंह के साथ अपने लंबे समय से चले आ रहे संबंधों को याद किया, जो उन दिनों से है जब उनके परिवार चंडीगढ़ स्थित पंजाब विश्वविद्यालय में पड़ोसी थे। तिवारी ने पूर्व प्रधानमंत्री के साथ अपने निजी संबंधों पर जोर देते हुए कहा, “वे मुझे लगभग उसी दिन से जानते थे, जिस दिन मैंने इस दुनिया में अपनी आंखें खोली थीं।”
डॉ. सिंह की सरकार में केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री रहे तिवारी ने उन्हें मृदुभाषी, विद्वान, बुद्धिमान और दृढ़निश्चयी बताया। उन्होंने 1991 के आर्थिक उदारीकरण के माध्यम से भारत के आर्थिक परिदृश्य को बदलने का श्रेय डॉ. सिंह को दिया , जिसने अनगिनत युवा भारतीयों के लिए अवसरों के द्वार खोले।
कांग्रेस सांसद ने डॉ. सिंह से मिलने का अवसर चूक जाने पर अफसोस जताते हुए कहा, “मुझे कल (शनिवार) सुबह उनसे मिलना था। भगवान के तरीके कितने अजीब हैं।”
यादगार क्षणों को याद करते हुए तिवारी ने 3 जनवरी, 2014 को डॉ. सिंह की विशाल प्रेस कॉन्फ्रेंस के संचालन में अपनी भूमिका पर प्रकाश डाला , जहां पूर्व प्रधानमंत्री ने अपने दशक भर के कार्यकाल का व्यापक विवरण प्रस्तुत किया था।
मनीष तिवारी की श्रद्धांजलि ने डॉ. मनमोहन सिंह के प्रति गहरे सम्मान और प्रशंसा को रेखांकित किया, न केवल एक अर्थशास्त्री और नेता के रूप में उनके योगदान के लिए, बल्कि उनके द्वारा जीवन भर बनाए गए व्यक्तिगत संबंधों के लिए भी।