वरिष्ठ कांग्रेस नेता और गुरदासपुर से सांसद सुखजिंदर सिंह रंधावा के बहनोई रविंदर सिंह बब्बी ने सोमवार को मलोट की एक अदालत में आत्मसमर्पण कर दिया। यह घटनाक्रम पूर्व कांग्रेस विधायक अजीत इंदर सिंह मोफर के करीबी रिश्तेदार विनय प्रताप बराड़ (55) और उनके बेटे सूर्य प्रताप बराड़ (22) की 19 अप्रैल को मलोट के पास अबुल खुराना गाँव में ज़मीन विवाद को लेकर गोली मारकर हत्या के सात महीने बाद हुआ है। उसी गाँव का निवासी बब्बी घटना के बाद से गिरफ्तारी से बच रहा था। मुक्तसर के एसएसपी अभिमन्यु राणा ने पुष्टि की कि रविंदर सिंह ने सोमवार को एक अदालत में आत्मसमर्पण कर दिया। अदालत ने उसे चार दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया।
एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि रंधावा के ससुर नछत्तरपाल सिंह को हाल ही में उच्च न्यायालय से अग्रिम जमानत मिली है और वह पुलिस जांच में शामिल हो गए हैं।
विनय की बेटी शाजिया प्रताप बरार ने 20 अप्रैल को एक प्राथमिकी दर्ज कराई थी, जिसमें गांव के दविंदर सिंह उर्फ राणा और एक अज्ञात साथी को गोली मारने वालों के रूप में नामित किया गया था और आरोप लगाया गया था कि नछत्तरपाल और बब्बी ने साजिश रची थी।
राणा ने 21 अप्रैल को मलोट की एक अदालत में आत्मसमर्पण कर दिया। इसके बाद, पुलिस ने उसके कथित साथी, गुरुसर जोधा गाँव के करणपाल सिंह को नामजद कर गिरफ्तार कर लिया। बाद में, दो और संदिग्धों, मेजर सिंह और उनके बेटे सुखा, जो दोनों खेतिहर मज़दूर हैं, का नाम एफआईआर में दर्ज कर उन्हें भी गिरफ्तार कर लिया गया।
मलौट सिटी पुलिस स्टेशन में बीएनएस की धारा 103 और 62 तथा शस्त्र अधिनियम की धारा 25 और 27 के तहत मामला दर्ज किया गया।


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