बेंगलुरु/नई दिल्ली, 9 फरवरी । कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डी.के. शिवकुमार ने गुरुवार को भाजपा पर उनके भाई और कांग्रेस सांसद डी.के. सुरेश को राज्य के साथ हो रहे अन्याय पर संसद में आवाज उठाने की अनुमति नहीं देने का आरोप लगाया।
उन्होंने नई दिल्ली में पत्रकारों से बात करते हुए कहा, “सांसद सुरेश को आज संसद में कर्नाटक के साथ अन्याय के बारे में बोलने की अनुमति नहीं दी गई। जैसे ही भाजपा सांसद तेजस्वी सूर्या ने अपनी बात पूरी की, उन्होंने कर्नाटक से कांग्रेस के एकमात्र सांसद को मौका दिए बिना सत्र स्थगित कर दिया।”
उन्होंने कहा, “यह अफ़सोस की बात है कि भाजपा सांसद तेजस्वी सूर्या ने मौका दिए जाने के बावजूद सदन में राज्य की ओर से नहीं बोला। भाजपा सांसदों को संसद में राज्य के लिए अपनी आवाज़ नहीं उठाने पर शर्म आनी चाहिए। राज्य के विधायक, एमएलसी और सांसद कर्नाटक के लिए आवाज उठाने के लिए दिल्ली में हैं, जबकि भाजपा सांसद ऐसा करने से इनकार कर रहे हैं।”
भाजपा नेताओं द्वारा कर्नाटक सरकार द्वारा दिए गए वित्तीय आंकड़ों को गलत बताने के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, “हम तथ्य बता रहे हैं। भाजपा ने सदन में इस पर श्वेत पत्र लाने की मांग की, हम इस पर श्वेत पत्र पेश करेंगे।”
उन्होंने कहा, “हमने केंद्रीय बजट तैयार नहीं किया है, यह केंद्र में भाजपा सरकार द्वारा किया गया था। उसी बजट में ऊपरी भद्रा परियोजना के लिए 5,300 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। वित्त आयोग ने बेंगलुरु के लिए लगभग पाँच हजार से छह हजार करोड़ रुपये की सिफारिश की थी। क्या यही राज्य को दिया गया है?”
शिवकुमार ने यह भी कहा कि केंद्र ने सूखा राहत के लिए कोई धनराशि जारी नहीं की है, जबकि मुख्यमंत्री और राजस्व मंत्री ने एक विस्तृत रिपोर्ट सौंपी है।
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के इस बयान पर कि केंद्र ने राज्य में सूखा राहत के लिए छह हजार करोड़ रुपये जारी किए हैं, उन्होंने कहा, “उन्होंने एक भी रुपया नहीं दिया है। मुख्यमंत्री इस दावे का जवाब आगामी विधानसभा सत्र में देंगे।”
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