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राजस्थान की लड़ाई को आगे बढ़ाने के लिए कांग्रेस पार्टी उत्साहित : केसी वेणुगोपाल

Congress party is excited to take forward the battle of Rajasthan: KC Venugopal

जयपुर, 30 अप्रैल । राजस्थान कांग्रेस की ओर से ‘संविधान बचाओ’ अभियान के तहत जयपुर के रामलीला मैदान में सोमवार को एक रैली का आयोजन किया गया। कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव एवं लोकसभा सांसद केसी वेणुगोपाल ने कहा कि पार्टी राजस्थान की लड़ाई को आगे बढ़ाने के लिए उत्साहित है।

पार्टी महासचिव केसी वेणुगोपाल ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर ‘संविधान बचाओ’ रैली की तस्वीर शेयर करते हुए लिखा, “जयपुर में संविधान बचाओ रैली के बाद माननीय कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के नेतृत्व में कई महत्वपूर्ण संगठनात्मक बैठक आयोजित की गईं। हमने डीसीसी अध्यक्षों, समन्वय समिति और राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी की विस्तारित पीसीसी कार्यकारी समिति के साथ विस्तृत चर्चा की।”

संगठनात्मक स्तर पर पार्टी की तैयारी पर उन्होंने लिखा, “राजस्थान में 400 ब्लॉक अध्यक्षों, 2200 मंडल अध्यक्षों और 40,000 बूथ अध्यक्षों की नियुक्ति पूरी हो चुकी है। अन्य सभी संगठनात्मक पदों और समितियों को अगले दो महीनों के भीतर भर दिया जाएगा और पार्टी पदाधिकारियों के लिए प्रशिक्षण तुरंत शुरू हो जाएगा। राजस्थान में डीसीसी अध्यक्षों की चयन प्रक्रिया भी नियत समय में शुरू होगी। पार्टी राजस्थान में लड़ाई को आगे बढ़ाने के लिए उत्साहित और तैयार है।”

बता दें कि कार्यक्रम के दौरान कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं और कार्यकर्ताओं ने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले में जान गंवाने वालों की याद में मौन रखकर उन्हें श्रद्धांजलि दी। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने रैली को संबोधित करते हुए कहा कि कई लोग कश्मीर में पर्यटक के तौर पर आते हैं, क्योंकि उन्हें लगता है कि यह सुरक्षित है और हमारे देश का अभिन्न अंग है। दुर्भाग्य से पहलगाम में ऐसी भयावह घटना हुई, जिसमें 26 लोग मौके पर ही मारे गए। यह वास्तव में एक दुखद घटना है।

उन्होंने केंद्र सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि हमारे देश की बदकिस्मती है कि पहलगाम आतंकवादी हमले पर हुई सर्वदलीय बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नहीं आए। यह शर्म की बात है। वह बिहार में चुनावी भाषण करते हैं, लेकिन दिल्ली में हो रही सर्वदलीय बैठक में नहीं आ सकते। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री से अपेक्षा थी कि दिल्ली में बैठक करते और हमें जानकारी देते कि सरकार की योजना क्या है और दूसरे राजनीतिक दलों से क्या मदद चाहते हैं? लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया।

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