January 12, 2025
National

‘संविधान का सम्मान नहीं करते कांग्रेस के लोग’ : ओपी राजभर

‘Congress people do not respect the Constitution’: OP Rajbhar

लखनऊ, 11 दिसंबर। सुभासपा अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश सरकार में पंचायती राज और अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री ओपी राजभर ने बुधवार को आरोप लगाया कि लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी और कांग्रेस के दूसरे नेता संविधान का सम्मान नहीं करते।

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा, “अगर राहुल गांधी संविधान की बात करते हैं, तो हमें यह याद रखना चाहिए कि जब कांग्रेस सत्ता में थी, तो लाखों लोगों को जेल में डाला गया, इमरजेंसी लगाई गई, पत्रकारों को जेल में डाला गया। ये वही लोग हैं जो अब संविधान की बात करते हैं, लेकिन असल में ये संविधान का सम्मान नहीं करते।”

स्वामी प्रसाद मौर्य के सभी मंदिरों में बौद्ध मठ खोजने वाले बयान पर ओपी राजभर ने कहा, “जब वे बीजेपी के साथ थे, तब कुछ नहीं किया, बल्कि सत्ता में रहते हुए रसमलाई काटने में व्यस्त थे। अब सत्ता से बाहर होने के बाद वे कहते हैं कि यह हमारे अधिकार हैं। लेकिन, पहले क्यों नहीं इन चीजों को खोजा गया? बीजेपी के साथ थे तो क्यों नहीं खोजा कि बौद्ध मंदिर कहां है?”

मुसलमानों की अनदेखी करने के आजम खान के बयान पर ओपी राजभर ने कहा, “आजम खान जी ने जो कहा, वह सही कहा। समाजवादी पार्टी, कांग्रेस और बाकी विपक्षी दलों की केवल एक बात रहती है कि मुस्लिमों का वोट कैसे लिया जाए। लेकिन मुसलमानों की शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार और सुरक्षा के बारे में कोई नहीं बोलता। यही स्थिति आज पूरे अल्पसंख्यक समाज की है। वे सिर्फ वोट की राजनीति करते हैं। बीजेपी ने अल्पसंख्यकों की सुरक्षा के लिए काम किया है। आजम खान जी ने कहा कि इस बार 51 मुस्लिम बच्चे आईएएस में पास हुए हैं। मेडिकल, इंजीनियरिंग और शिक्षा के क्षेत्र में मुस्लिम बच्चों की भागीदारी बढ़ी है, और यह सब भारतीय जनता पार्टी की सरकार में हुआ है। यही बात आजम खान जी ने कही है।”

उन्होंने मदरसों के संदर्भ में कहा, “हम चाहते हैं कि मदरसों का संचालन और उनके द्वारा दी जाने वाली डिग्रियों की मान्यता पूरी तरह से एक समान हो, चाहे वह यूपी बोर्ड हो, सीबीएसई बोर्ड हो, या मदरसा हो। इस उद्देश्य से हम सभी से सुझाव आमंत्रित कर रहे हैं। जो लोग मदरसा चला रहे हैं या इस विषय में जानकारी रखते हैं, वे अपने सुझाव हमें लिखकर भेजें। हम उन सुझावों का अध्ययन करेंगे और अपने अधिकारियों के साथ बैठक करके एक बेहतर नियमावली बनाने का प्रयास करेंगे।”

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