मुख्यमंत्री के प्रधान मीडिया सलाहकार नरेश चौहान ने छह पूर्व मुख्य संसदीय सचिवों (सीपीएस) को अयोग्य ठहराने की मांग वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट के आदेश को राज्य के लिए बड़ी राहत और लोगों की जीत बताया है। सुप्रीम कोर्ट ने मामले पर अपने आदेश में पूर्व सीपीएस की अयोग्यता से संबंधित आगे की कार्यवाही पर रोक लगा दी है।
चौहान ने कहा कि कुछ भाजपा नेता पैरा 50 का हवाला देकर छह निर्वाचित विधायकों की अयोग्यता के बारे में बड़े-बड़े दावे कर रहे थे, लेकिन सुप्रीम कोर्ट के आदेश ने उन्हें चुप करा दिया है। उन्होंने कहा, “हिमाचल के मामले को अन्य राज्यों के लंबित मामलों के साथ जोड़ दिया गया है। अब इन सभी मामलों की एक साथ सुनवाई होगी और अगली सुनवाई 20 जनवरी को तय की गई है। निर्वाचित राज्य सरकार पूरी तरह सुरक्षित है।”
हिमाचल प्रदेश पर्यटन विकास निगम के 18 होटलों के बंद होने के मामले पर चौहान ने कहा कि राज्य सरकार ने हिमाचल उच्च न्यायालय में अपना पक्ष रखा है और नौ होटलों को फिर से खोलने के आदेश जारी किए गए हैं। उन्होंने कहा कि होटलों की वर्तमान स्थिति के लिए कांग्रेस सरकार जिम्मेदार नहीं है, बल्कि यह स्थिति पिछली भाजपा सरकार के कुप्रबंधन के कारण पैदा हुई है।