नई दिल्ली, 20 दिसंबर । भाजपा सांसद मनोज तिवारी ने संसद के बाहर हुए धक्का-मुक्की की घटना को लेकर कांग्रेस और राहुल गांधी पर जुबानी हमला बोला। मनोज तिवारी ने कहा कि कांग्रेस ने लोकतंत्र के मंदिर यानी संसद की मर्यादाओं को तार-तार कर दिया है।
समाचार एजेंसी आईएएनएस से बात करते हुए मनोज तिवारी ने कहा कि राहुल गांधी द्वारा संसद में जिस तरह का आचरण किया गया, वह किसी भी सूरत में स्वीकार नहीं किया जा सकता। राहुल गांधी ने संसद के बाहर धक्का देकर किसी सांसद को गिराया और आदिवासी बेटी का अपमान किया, जो कि देश की सभ्यता और संस्कृति के खिलाफ है।
उन्होंने कहा कि हम इस घटना को देश के कोने-कोने में फैलाएंगे। कांग्रेस ने हमेशा बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर का अपमान किया है। वह बाबा साहेब को जीते जी चुनाव नहीं जीतने देते थे। कांग्रेस ने बाबा साहेब को हरवाया और बाद में उन्हें भारत रत्न देने के रास्ते में भी अड़ंगा लगाते रहे। पंडित जवाहरलाल नेहरू ने भी अंबेडकर के खिलाफ अभद्र टिप्पणी की थी।
भाजपा सांसद ने यह आरोप भी लगाया कि नेहरू ने माउंटबेटन को लिखे पत्र में भी अंबेडकर को लेकर नकारात्मक विचार व्यक्त किए थे। कांग्रेस ने अंबेडकर के स्मारक तक को नहीं बनने दिया, जबकि उनका योगदान भारतीय संविधान में अतुलनीय है। राहुल गांधी द्वारा संसद में आदिवासी बेटी को धक्का देने और अन्य अपमानजनक कृत्यों को बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है। हम इसे देशभर में फैलाएंगे और गली-गली तक पहुंचाएंगे, ताकि लोग जान सकें कि कांग्रेस के असली चेहरे क्या हैं।
बता दें कि गुरुवार को भाजपा सांसद प्रताप सारंगी और मुकेश राजपूत गुरुवार को संसद भवन में सीढ़ियों से गिरकर चोटिल हो गए थे। सांसदों का आरोप है कि कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने उन्हें धक्का दिया, जिसके बाद वह गिर गए और घायल हो गए। सांसद प्रताप सारंगी ने बताया कि मैं सीढ़ियों पर खड़ा था। तभी राहुल गांधी ने एक सांसद को धक्का दिया और वह मेरे ऊपर गिर गए। जिससे मैं गिर गया और मुझे चोट लग गई।
इस पूरे मामले पर कांग्रेस सांसद राहुल गांधी का कहना है कि कैमरे में सब कैद होगा। मैं सदन में जाने की कोशिश कर रहा था। इस बीच, भाजपा के सांसदों ने मुझे धकेला और धमकाया। इस दौरान कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को भी धक्का लगा। हमें धक्का-मुक्की से कुछ नहीं होता है। हम संसद के अंदर जा रहे थे। भाजपा के सांसद हमें संसद जाने से रोक नहीं सकते हैं।