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मौजूदा राजनीतिक परिदृश्य में कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक जरूरी : सुखदेव भगत

Congress Working Committee meeting necessary in the current political scenario: Sukhdev Bhagat

कांग्रेस सांसद सुखदेव भगत ने बुधवार को बिहार की राजधानी पटना में आयोजित ‘कांग्रेस वर्किंग कमेटी’ की बैठक को मौजूदा राजनीतिक परिदृश्य के लिए जरूरी बताया।

उन्होंने आईएएनएस से बातचीत में कहा कि भाजपा ने ‘वोट चोरी’ का सहारा लेकर पूरी लोकतांत्रिक व्यवस्था को दूषित करने का प्रयास किया है, जिसे अब किसी भी कीमत पर स्वीकार नहीं किया जा सकता है। इन्हीं सब स्थिति को देखते हुए कांग्रेस की तरफ से यह बैठक बुलाई गई है, जिसका हम सभी लोग स्वागत करते हैं। मुझे पूरी उम्मीद है कि इस बैठक के जरिए कोई न कोई हल का मार्ग जरूर प्रशस्त होगा और जो लोग लोकतंत्र को दूषित करने का प्रयास कर रहे हैं, उन पर जरूर शिकंजा कसा जाएगा।

उन्होंने बिहार को विचारों और तर्क की जननी बताया और कहा कि महात्मा गांधी ने भी वहीं से सत्याग्रह की शुरुआत की थी। एक तरह से यह नई क्रांति है, जिसका हम सभी लोगों को स्वागत करना चाहिए।

कांग्रेस सांसद ने कहा कि हमारी पार्टी के नेता राहुल गांधी ने ‘वोट चोरी’ को रोकने के लिए सबसे सटीक रास्ता निकाला है। उन्होंने इस संबंध में बैठक आहूत की है और इसके लिए बिहार की राजधानी पटना को चुना है, जो कि बिल्कुल ठीक जगह है। हम सभी लोगों को इसकी तारीफ करनी चाहिए। हमें पूरा विश्वास है कि जिस तरह से हमारे नेता राहुल गांधी ने ‘वोट चोरी’ के खिलाफ मोर्चा खोला है, उसमें हम सभी लोगों को आगामी दिनों में अपेक्षित सफलता जरूर मिलेगी। ‘वोट चोरी’ जैसी स्थिति भारतीय लोकतंत्र में किसी भी कीमत पर स्वीकार नहीं की जा सकती है।

उन्होंने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की नीति पर सवाल उठाते हुए कहा कि भारत संप्रभु राष्ट्र है। ट्रंप के पास हमारे देश के संबंध में किसी भी प्रकार का सवाल उठाने का कोई नैतिक हक नहीं है। हमें किससे व्यापार करना है और किससे नहीं, इस बात का फैसला भारत खुद कर लेगा। इसमें अमेरिका को हस्तक्षेप करने का कोई हक नहीं है। केंद्र सरकार ट्रंप के विरोध में किसी भी प्रकार की आक्रामक मुद्रा में नजर नहीं आ रही है।

उन्होंने ‘आई लव मोहम्मद’ ट्रेंड पर कहा कि भारत में विभिन्न धर्मों के लोग रहते हैं। ऐसी स्थिति में मैं समझता हूं कि अगर कहीं पर ऐसा ट्रेंड चल रहा है, तो किसी को भी आपत्ति नहीं होनी चाहिए। भारत में हर किसी को अपनी आस्था का प्रदर्शन करने का पूरा अधिकार है। अगर किसी अल्पसंख्यक समुदाय के मन में अपनी सुरक्षा को लेकर सवाल हैं, तो यह सरकार का कर्तव्य है कि सुरक्षा प्रदान करे। उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करे।

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