बेंगलुरु, 20 अक्टूबर । कर्नाटक के भ्रष्टाचार निरोधक निकाय ने मैसूरु शहरी विकास प्राधिकरण (मुडा) द्वारा भूमि आवंटन से संबंधित कथित घोटाले में कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्दारमैया के खिलाफ मामला दर्ज किया है।
कर्नाटक से भाजपा के राज्यसभा सांसद लहर सिंह सिरोया ने प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए कहा कि सीएम सिद्दारमैया को निश्चित रूप से जांच का सामना करना चाहिए। उच्च न्यायालय ने अपने फैसले में तर्क देते हुए उनकी याचिका खारिज कर दी है। उसके आधार पर उन्हें इस्तीफा दे देना चाहिए। उनके इस्तीफे से राज्य की राजनीति को फायदा होगा। राज्य को फायदा होगा और कांग्रेस की छवि में सुधार होगा। मैं समझता हूं कि राज्य की जनता त्रस्त है। सारे विकास के काम ठप पड़े हुए है। ऐसे में उनको अविलंब त्यागपत्र देना चाहिए और किसी बड़ी एजेंसी से जांच करवानी चाहिए।
केंद्रीय एमएसएमई और श्रम एवं रोजगार राज्य मंत्री शोभा करंदलाजे ने मुख्यमंत्री सिद्दारमैया सहित उनके पूरे परिवार की आलोचना करते हुए आरोप लगाया कि सीएम ने एक नहीं तीन मामलों में भ्रष्टाचार किए हैं।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री और उनकी पत्नी पार्वती ने मैसूरु शहरी विकास प्राधिकरण (मुडा) में 14 साइट्स लीं। उन्होंने उन साइट्स को अवैध तरीके से लिया और फिर उन्हें वापस भी कर दिया। अदालत ने जानकारी दी है कि सीएम सिद्दारमैया ने बेंगलुरु टर्फ क्लब के विकास के लिए एक व्यक्ति से गलत तरीके से एक करोड़ 30 लाख रुपये लिए। उन्होंने चेक के जरिए पैसे लिए। सिद्दारमैया के बेटे खुद मुडा के सदस्य थे। इसी दौरान सिद्दारमैया की पत्नी ने 14 साइट्स हासिल की। सिद्दारमैया ने दबाव डालकर साइट्स हासिल करने में मदद की।
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