January 22, 2025
National

कांग्रेस की कमजोरी रणनीति ने सिंधिया को मजबूत किया

Congress’s weakness strategy strengthened Scindia

भोपाल, 4 दिसंबर । मध्य प्रदेश के विधानसभा चुनाव में सबसे ज्यादा नजर अगर किसी एक इलाके पर थी तो वह ग्वालियर-चंबल था, इसकी वजह हैं केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया। चुनाव के जो नतीजे आए हैं, उसने एक बात साबित कर दी है कि कांग्रेस की कमजोर रणनीति ने सिंधिया को और मजबूत कर दिया है।

बात हम ग्वालियर-चंबल संभाग की करें तो वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव में 34 विधानसभा सीटों में से 26 पर कांग्रेस को जीत मिली थी और यह जीत तब मिली थी, जब सिंधिया कांग्रेस के साथ हुआ करते थे। सिंधिया कांग्रेस का दामन छोड़कर भाजपा के साथ हुए तो इस इलाके में भाजपा की स्थिति बदल गई।

भाजपा और कांग्रेस दोनों के ही विधायक 17-17 हो गए। विधानसभा के उपचुनाव में भले ही कांग्रेस और भाजपा बराबरी पर आ गए हो। मगर, नगरीय निकाय चुनाव में कांग्रेस ने अपनी स्थिति को मजबूत किया। इस क्षेत्र का प्रभार तब राष्ट्रीय सचिव सुधांशु त्रिपाठी के पास हुआ करता था। उनकी इलाके में सक्रियता, पदयात्राएं और रणनीति अपना असर भी दिखाने में कामयाब रही। उसी के चलते ग्वालियर और मुरैना में कांग्रेस को महापौर पद पर जीत मिली।

अभी हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा को इस इलाके में बड़ी सफलता मिली है और 34 सीटों में से 18 पर उसे जीत हासिल हुई है। कांग्रेस के कई दिग्गजों को इस इलाके में हार का सामना करना पड़ा है, जिनमें नेता प्रतिपक्ष गोविंद सिंह, पूर्व मंत्री केपी सिंह, दिग्विजय सिंह के भाई लक्ष्मण सिंह प्रमुख हैं। कांग्रेस के एक नेता ने नाम न छापने की शर्त पर कहा है कि कांग्रेस इस इलाके में लगातार चूक करती रही और उसी का नतीजा रहा कि विधानसभा चुनाव में पार्टी को हार का सामना करना पड़ा।

इस इलाके में जो पदाधिकारी कुछ वर्षों से सक्रिय थे और कार्यकर्ताओं की बात सुनता थे, उन्हें हटाकर नए पदाधिकारी को तैनात किया गया। परिणाम यह हुआ कि जमीनी स्तर के कार्यकर्ता की बात नहीं सुनी गई और जो यहां के नेता थे, वह बड़े नेताओं के संपर्क में होने के कारण ज्यादा सक्रिय नहीं रहे। कुल मिलाकर पार्टी की कमजोर रणनीति के कारण ही भाजपा को बड़ी सफलता मिली है। भाजपा तो मजबूत हुई ही है, साथ में सिंधिया को भी लाभ हुआ है।

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