September 20, 2024
Himachal

सहकारी बैंक धोखाधड़ी: ग्रामीणों को गबन की गई धनराशि लौटाने को लेकर अनिश्चितता बनी हुई है

हिमाचल प्रदेश राज्य सहकारी बैंक लिमिटेड की नोहराधार शाखा के ग्राहकों पर अनिश्चितता का बादल मंडरा रहा है, क्योंकि इसका प्रबंधन उनकी सावधि जमा रसीदों (एफडीआर) और बैंक खातों से गबन की गई धनराशि वापस करने में विफल रहा है।

शुरुआती अनुमान के मुताबिक, तत्कालीन बैंक मैनेजर ज्योति प्रकाश ने शाखा से 4.02 करोड़ रुपए की रकम हड़प ली थी। उन्होंने फर्जी किसान क्रेडिट कार्ड खोलकर पैसे हड़पने के अलावा खाताधारकों से उनकी बचत भी ठगी थी। जिला प्रबंधक प्रियदर्शन पांडे ने 11 अगस्त को एफआईआर दर्ज कराई थी। बैंक के सूत्रों के मुताबिक, यह बात सामने आई थी कि वास्तव में 10 करोड़ रुपए की रकम हड़पी गई थी।

पंचायत प्रधान राजिंदर सिंह के नेतृत्व में आए प्रतिनिधिमंडल से जब बैंक मैनेजर उम्मेद सिंह कंवर ने इस बारे में पूछा तो उन्होंने बताया कि कुछ दिन पहले ही हेड ऑफिस को रिपोर्ट भेजी गई है और चार्टर्ड अकाउंटेंट से इसकी पुष्टि कराई जा रही है। उन्होंने प्रतिनिधिमंडल को बताया कि हेड ऑफिस से उन्हें इस बारे में कोई सूचना नहीं मिली है कि उनका पैसा कब वापस आएगा। हालांकि, उन्होंने कहा कि जल्द ही पैसा वापस कर दिया जाएगा। उन्होंने आगे कहा कि इस प्रक्रिया में समय लग रहा है क्योंकि बैंक में सभी खातों की जांच के लिए ऑडिट चल रहा है।

ग्राहक इंद्रपाल ठाकुर ने बताया कि बैंक प्रबंधन की ओर से कोई उचित आश्वासन नहीं दिए जाने के कारण ग्रामीण असहाय हैं। उन्होंने 46 लाख रुपए का लोन लिया था। ठाकुर बैंक से लोन लेने के लिए गिरवी रखी गई अपनी एफडीआर वापस लेने की प्रक्रिया में थे। लोन अकाउंट बंद करने के बावजूद ठाकुर के खाते में ऐसी प्रविष्टियां पाई गईं, जहां से बैंक अधिकारी के खाते में पैसे ट्रांसफर किए गए थे। उनका लोन अकाउंट बंद न हो पाने के कारण उन्हें एफडीआर नहीं मिल पाई। उनके जैसे कई लोगों के खातों में बहुत कम रकम बची है।

अगस्त में धोखाधड़ी के प्रकाश में आने के बाद नोहराधार का दौरा करने वाले बैंक के प्रबंध निदेशक और अध्यक्ष ने ग्रामीणों को आश्वासन दिया था कि 15 सितंबर तक उनका पैसा वापस कर दिया जाएगा। हालांकि, यह वादा खोखला साबित हुआ और इस बात पर अनिश्चितता बनी हुई है कि उन्हें अपना पैसा कब वापस मिलेगा।

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