February 20, 2025
Himachal

केंद्र के साथ समन्वय से राज्य के हितों की रक्षा में मदद मिलेगी: राज्यपाल

Coordination with the Centre will help protect the interests of the state: Governor

केंद्र द्वारा हिमाचल प्रदेश की मदद नहीं करने के किसी भी विवाद में पड़ने से इनकार करते हुए राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ला ने आज कहा कि दोनों के बीच अच्छे समन्वय से ही पहाड़ी राज्य के हितों की रक्षा में मदद मिलेगी।

हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल के रूप में दो वर्ष पूरे होने के अवसर पर आज यहां पत्रकारों से बातचीत करते हुए शुक्ला ने कहा कि केंद्र द्वारा हिमाचल सरकार की सहायता न किए जाने का कोई सवाल ही नहीं उठता। उन्होंने कहा, “केंद्र के प्रतिनिधि के रूप में और केंद्रीय बजट का आकलन करने के बाद, मुझे लगता है कि हिमाचल प्रदेश को केंद्र द्वारा पर्याप्त धनराशि दी गई है। हिमाचल प्रदेश को केंद्रीय विश्वविद्यालय जैसी केंद्र द्वारा वित्तपोषित परियोजनाओं में अपना हिस्सा देने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए, जहां राज्य का 250 करोड़ रुपये का हिस्सा अभी भी भुगतान किया जाना है।”

शुक्ला ने आगे कहा कि सभी पहाड़ी राज्यों को सभी केंद्रीय योजनाओं में केवल 20 प्रतिशत मिलान निधि प्रदान करनी है। उन्होंने कहा, “केंद्र ने हिमाचल को उसका हिस्सा देने से कभी इनकार नहीं किया है। हिमाचल को बेहतर समन्वय के माध्यम से केंद्र से अपना हिस्सा मांगना चाहिए और मंत्रियों को हिमाचल के लिए अपनी मांगों के साथ केंद्रीय मंत्रियों से मिलना चाहिए।”

2023 के मॉनसून में हुई तबाही के लिए हिमाचल को मिलने वाली 9,200 करोड़ रुपये की राशि के बारे में पूछे गए सवालों के जवाब में राज्यपाल ने कहा कि बेहतर समन्वय से ही इस तरह के मुद्दों का समाधान हो सकता है। उन्होंने कहा, “केंद्रीय टीम और राज्य सरकार द्वारा 2023 के मॉनसून के दौरान हुए नुकसान का आकलन अलग-अलग था। इसलिए, शायद यह इसी वजह से लंबित है।”

उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि केंद्र और राज्य के बीच बेहतर समन्वय से ही हिमाचल की प्रगति सुनिश्चित होगी। पर्यटन को बढ़ावा देने जैसे क्षेत्रों की बात करें तो केंद्र सरकार हिमाचल को नजरअंदाज नहीं कर सकती, खासकर संघीय ढांचे में।

उन्होंने कहा, “मैंने 2023 के मानसून में बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करके लोगों का दुख साझा करने की कोशिश की और खुद को राजभवन तक सीमित नहीं रखा। मैं राजनीति को अलग रखकर लोगों से मिला।” शुक्ला ने कहा कि उन्हें इस बात में कोई संदेह नहीं है कि केंद्र देवभूमि का समर्थन करेगा, लेकिन केंद्र और राज्य के बीच किसी भी गलतफहमी को बातचीत के जरिए सुलझाया जाना चाहिए।

हिमाचल प्रदेश में बढ़ती नशे की लत के मुद्दे पर प्रतिक्रिया देते हुए शुक्ला ने कहा कि स्थिति चिंताजनक है और नशे के खिलाफ व्यापक अभियान चलाया जाना चाहिए तभी स्थिति सुधरेगी। उन्होंने कहा, “मेरे लिए इस पर टिप्पणी करना उचित नहीं है कि नशे के खिलाफ कानून को और सख्त बनाया जाना चाहिए या नहीं। लेकिन मुझे उम्मीद है कि आगामी बजट सत्र में राज्य सरकार कुछ कानून लाएगी।”

उन्होंने कहा कि सबसे दुर्भाग्यपूर्ण बात यह है कि परिवार को पता है कि उनका बेटा नशे का सेवन करता है, फिर भी वे परिवार की इज्जत के नाम पर इस बात को छुपाए रखना चाहते हैं।

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