सूत्रों के अनुसार, केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने गुरुवार को भारतीय प्रबंधन संस्थान (आईआईएम), रोहतक के बोर्ड से कहा कि वह संस्थान के निदेशक धीरज शर्मा को या तो निलंबित कर दे या धन के कथित दुरुपयोग के मामले में उनके खिलाफ जांच पूरी होने तक उन्हें छुट्टी पर भेज दे।
निदेशक को अगले आदेश तक आईआईएम के परिसर/किराए के क्षेत्र से दूर रहने के लिए भी कहा गया है। शर्मा के खिलाफ आरोपों में आईआईएम की वित्तीय स्थिति को गलत तरीके से बढ़ा-चढ़ाकर पेश करना और 2018-19 से निदेशक को भारी मात्रा में परिवर्तनीय वेतन (प्रत्येक वर्ष 1 करोड़ रुपये से अधिक) का भुगतान करने के लिए हेरफेर किए गए आंकड़ों का उपयोग करना शामिल है।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने इस महीने की शुरुआत में शर्मा के निदेशक के कार्यकाल के दौरान आईआईएम में सार्वजनिक धन के कथित दुरुपयोग की जांच के आदेश दिए थे।
जांच में उनकी शैक्षिक योग्यता प्रमाण पत्रों तथा आईआईएम में भर्ती अन्य कर्मचारियों का सत्यापन भी शामिल होगा। यह जांच शिक्षा मंत्रालय के प्रधान मुख्य लेखा नियंत्रक द्वारा की गई जांच के बाद शुरू की गई थी, जिसमें गंभीर अनियमितताएं और सार्वजनिक धन का भारी दुरुपयोग पाया गया था।
मंत्रालय ने यह भी कहा कि शर्मा के डिग्री प्रमाणपत्र को मंत्रालय ने निदेशक के रूप में उनके पहले कार्यकाल (2017 से 2022) के दौरान बार-बार मांगा था, लेकिन आईआईएम ने उनके कार्यकाल के अंत तक उन्हें नहीं भेजा। केंद्र ने बोर्ड से यह भी कहा है कि वह किसी अन्य संकाय सदस्य को कार्यभार सौंप दे, जो संस्थान के वित्तीय मामलों से जुड़ा न रहा हो।
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