कुरुक्षेत्र की एक अदालत ने 2023 में डॉ. वनिता अरोरा की हत्या और उनके आवास पर डकैती के मामले में पांच लोगों को मौत की सजा सुनाई है। यह फैसला अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश (फास्ट ट्रैक स्पेशल कोर्ट) की अदालत ने सुनाया, जिसने उत्तर प्रदेश के मनीष कुमार; कैथल के विक्रमजीत उर्फ बिट्टू और विक्रम उर्फ विक्की; कुरुक्षेत्र की पूनम; और हिसार के सुनील कुमार को फांसी की सजा सुनाई।
दोषियों को आईपीसी की धारा 120बी, 323, 395, 396, 397, 302, 460 और 201 के तहत दंडनीय अपराधों के साथ-साथ शस्त्र अधिनियम के प्रावधानों का दोषी पाया गया। न्यायालय ने आदेश दिया कि भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) की धारा 407 के तहत अनिवार्य रूप से उच्च न्यायालय द्वारा पुष्टि होने तक मृत्युदंड पर अमल नहीं किया जाएगा। सभी सजाएं साथ-साथ चलेंगी।
इस बीच, अदालत ने डॉक्टर के नौकर केतराम और कथित हथियार आपूर्तिकर्ता उमेश कुमार को उनके खिलाफ पर्याप्त सबूतों के अभाव का हवाला देते हुए बरी कर दिया। डॉ. वनिता अरोरा (60) की हत्या 9 जनवरी, 2023 की रात को उस समय हुई जब चार लोग कुरुक्षेत्र स्थित उनके घर में लूटपाट करने के इरादे से घुस आए थे। वह और उनके पति डॉ. अतुल अरोरा (62) अपने घर से ही एक क्लिनिक चलाते थे।
पुलिस को दी गई अपनी शिकायत में डॉ. अतुल ने बताया कि क्लिनिक भूतल पर चलता था, जबकि परिवार पहली मंजिल पर रहता था। रात करीब 9:20 बजे जब वह अपने माता-पिता के साथ बैठे थे, तभी उन्होंने अपनी पत्नी की चीख सुनी। जब वह बाहर भागे, तो आरोपियों में से दो ने कथित तौर पर उनके सिर पर पिस्तौल तान दी और नकदी और गहने मांगे।
डॉ. अतुल ने पुलिस को बताया कि उन्होंने हमलावरों को 1 लाख रुपये सौंप दिए थे। आरोप है कि आरोपियों ने उनसे और पैसे तथा लॉकरों की चाबियां मांगते हुए करीब 15 मिनट तक उनकी पिटाई की। जब डॉ. वनिता ने विरोध किया, तो उनके सिर पर वार किया गया, जिससे उन्हें जानलेवा चोटें आईं।
डॉक्टर अतुल पहली मंजिल से कूदकर भागने में कामयाब रहे और उन्होंने पड़ोसियों से मदद मांगी और पुलिस को भी फोन किया। जब वे वापस लौटे तो उन्होंने अपनी पत्नी को मृत पाया। आरोपी नकदी और गहने लेकर फरार हो गए। अभियोजन पक्ष के अनुसार, आरोपी केक खरीदने के बहाने घर में घुस गया था, क्योंकि डॉ. वनिता उसी परिसर से एक बेकरी भी चलाती थीं।
थानेसर शहर के पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज किया गया। परिवार ने पूर्व नौकरानी पूनम और उसके सहयोगी विक्रम पर शक जताया था। जांच के दौरान पुलिस ने विक्रम, विक्रमजीत, सुनील कुमार, मनीष कुमार, पूनम, केतराम और उमेश कुमार को गिरफ्तार किया।

