24 फरवरी को पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय ने चौधरी देवी लाल विश्वविद्यालय (सीडीएलयू), सिरसा को विधि विभाग में सहायक प्रोफेसर के पदों के लिए चयन प्रक्रिया को अंतिम रूप देने का निर्देश दिया।
इस संबंध में एक याचिका एक उम्मीदवार द्वारा दायर की गई थी, जिसने 2018 में एक विज्ञापन के जवाब में पद (सामान्य श्रेणी) के लिए आवेदन किया था, और लिखित परीक्षा और साक्षात्कार प्रक्रिया दोनों को पूरा करने के बाद अंतिम परिणाम की प्रतीक्षा कर रहा था।
याचिका के अनुसार, विश्वविद्यालय ने सहायक प्रोफेसर के तीन पदों सहित कई संकाय पदों के लिए भर्ती प्रक्रिया शुरू की थी। याचिकाकर्ता ने लिखित परीक्षा में कुल 80 में से 57.38 अंक प्राप्त किए थे और जून 2018 में साक्षात्कार के लिए उपस्थित हुआ था। हालांकि, चयन प्रक्रिया का परिणाम अभी तक घोषित नहीं किया गया है।
विश्वविद्यालय ने अदालत के समक्ष बताया कि यह देरी विश्वविद्यालय के तत्कालीन रजिस्ट्रार द्वारा दायर शिकायत के कारण हुई थी, जिसमें दावा किया गया था कि चयन समिति की कार्रवाई में रजिस्ट्रार को प्रक्रिया से बाहर रखकर विश्वविद्यालय के नियमों का उल्लंघन किया गया है।
इस शिकायत के कारण कुलाधिपति (जो हरियाणा के राज्यपाल भी हैं) ने चयन प्रक्रिया पर रोक लगा दी, जिससे और अधिक विलंब हुआ। अदालत ने विश्वविद्यालय के रुख को कानूनी रूप से अस्थिर पाया तथा इस बात पर बल दिया कि विश्वविद्यालय अधिनियम या यूजीसी विनियमों के तहत रजिस्ट्रार के लिए चयन समिति का सदस्य होना आवश्यक नहीं है।
अदालत ने यह भी कहा कि प्रक्रिया में देरी से याचिकाकर्ता के समय पर निर्णय पाने के अधिकार पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है। परिणामस्वरूप, अदालत ने विश्वविद्यालय को निर्देश दिया कि वह चयन समिति की सिफारिशें कार्यकारी परिषद (ईसी) की अगली बैठक में प्रस्तुत करे तथा दो सप्ताह में निर्णय ले।
याचिकाकर्ता को निर्णय के बारे में सूचित किया जाएगा तथा यदि आवश्यक हो तो उसे न्यायालय में चुनौती देने का अधिकार होगा। अदालत के आदेश के बाद सीडीएलयू के रजिस्ट्रार डॉ. राजेश बंसल ने कहा कि अगली कार्यकारी समिति की बैठक में निर्णय लिया जाएगा और अभ्यर्थियों को दो सप्ताह के भीतर परिणाम की जानकारी दे दी जाएगी।
आमतौर पर विश्वविद्यालय हर साल तीन-चार ईसी बैठकें आयोजित करता है। हालाँकि, आखिरी ईसी बैठक 19 जुलाई, 2024 को हुई थी। पूर्व कुलपति अजमेर मलिक ने नवंबर 2024 में इस्तीफा दे दिया था और विश्वविद्यालय ने अभी तक पूर्णकालिक कुलपति की नियुक्ति नहीं की है। वर्तमान में कुलपति का अतिरिक्त कार्यभार जीजेयू, हिसार के कुलपति डॉ नरसी राम बिश्नोई संभाल रहे हैं।
इस वर्ष की पहली ईसी बैठक 27 जनवरी, 2025 को आयोजित करने का प्रस्ताव था, लेकिन इसे स्थगित कर दिया गया। फिलहाल विश्वविद्यालय के अधिकारियों को यह पता नहीं है कि अगली कार्यकारी समिति की बैठक कब होगी।
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