दिल्ली बीएमडब्ल्यू एक्सीडेंट मामले में एक नया अपडेट सामने आया है। आरोपी गगनप्रीत को पटियाला हाउस कोर्ट से जमानत मिल चुकी है। इससे पहले कोर्ट ने इस मामले में अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था क्योंकि जो सीसीटीवी वीडियो कोर्ट में पेश की गई थी, वो एफआईआर से मेल नहीं खा रही थी। शनिवार को सुनवाई के दौरान कोर्ट ने 1 लाख का बेलबॉन्ड और दो श्योरिटी जमा करने की शर्त पर गगनप्रीत को जमानत दी है।
पटियाला हाउस कोर्ट द्वारा गगनप्रीत के सामने शर्त रखी गयी है कि गगनप्रीत कौर को अपना पासपोर्ट जमा करना होगा और प्रत्येक सुनवाई पर अदालत में उपस्थित होना होगा।
दुर्घटना स्थल का सीसीटीवी वीडियो देखने के बाद कोर्ट ने हादसे के तुरंत बाद एक एंबुलेंस के आने के बावजूद घायल को नहीं उठाए जाने पर नाराजगी जताई। कोर्ट ने कहा कि 30 सेकंड के अंदर एंबुलेंस आ गई थी, तो उसे घायल को क्यों नहीं ले जाया गया? कोर्ट ने पुलिस से पूछा कि आखिर जब एंबुलेंस को बेस हॉस्पिटल जाना था और उसके बाद गुरुग्राम मोर्चरी जाना था, तो उसने क्यों नहीं घायल को उठाया?
पुलिस की ओर से पेश वकील ने कहा कि एंबुलेंस को शव ले जाना था। इस बीच कोर्ट ने कहा कि जिस सवारी से ले जाया गया उससे तो बेहतर एंबुलेंस थी। अगर इंसान बेहोश है, तो कैसे कहेगा कि मेरी हेल्प करो? इतना ही नहीं, कोर्ट ने दिल्ली पुलिस से यह भी पूछा कि एंबुलेंस वाले के खिलाफ क्या एक्शन लिया आपने? यह अपने आप में 304 का मामला बनता है।
बता दें कि दिल्ली के धौलाकुआं इलाके में 14 सितंबर को हुए सड़क हादसे में केंद्र सरकार के वित्त मंत्रालय में डिप्टी सेक्रेटरी नवजोत सिंह की मौत हो गई थी, जबकि उनकी पत्नी गंभीर रूप से घायल हुई थीं। नवजोत सिंह पत्नी के साथ बंगला साहिब गुरुद्वारा से दर्शन करके घर लौट रहे थे। रास्ते में धौलाकुआं के पिलर नंबर 57 से राजा गार्डन की ओर जाते समय एक तेज रफ्तार बीएमडब्ल्यू ने उनकी बाइक को टक्कर मार दी थी। उस वक्त गगनप्रीत कार को चला रही थी। इस मामले में अदालत ने 17 सितंबर को आरोपी महिला गगनप्रीत कौर की न्यायिक हिरासत 27 सितंबर तक बढ़ा दी थी।
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