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अदालत ने पीडीएस मामले में ज्योतिप्रिय मल्लिक की दायर पहली जमानत याचिका खारिज की

Court rejects Jyotipriya Mallick's first bail plea in PDS case

कोलकाता, 17 फरवरी । कोलकाता में मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) की विशेष अदालत ने शनिवार को पश्चिम बंगाल के पूर्व मंत्री ज्योतिप्रिय मल्लिक की पहली जमानत याचिका खारिज कर दी। जेल में बंद मल्लिक को शुक्रवार को मंत्री पद से हटा दिया गया था।

साल 2011 से 2021 तक पश्चिम बंगाल के खाद्य एवं आपूर्ति मंत्री के रूप में करोड़ों रुपये के पीडीएस मामले में कथित संलिप्तता के कारण मल्लिक इस समय न्यायिक हिरासत में हैं।

मल्लिक की जमानत याचिका दो मायनों में महत्वपूर्ण थी। पहला, उन्होंने यह याचिका शुक्रवार को उनसे मंत्री पद छीने जाने के ठीक एक दिन बाद दायर की थी। दूसरा, पिछले साल अक्टूबर में ईडी के अधिकारियों द्वारा उनकी गिरफ्तारी के बाद यह पहली बार था कि उन्होंने जमानत याचिका दायर की थी।

राजनीतिक पर्यवेक्षकों का कहना है कि उनके खिलाफ पश्चिम बंगाल सरकार की कार्रवाई ने मल्लिक को आश्वस्त कर दिया है कि अब उन्हें अपनी लड़ाई खुद लड़नी होगी क्योंकि तृणमूल कांग्रेस नेतृत्व ने उनसे दूरी बना ली है।

शनिवार को मल्लिक के वकील ने जमानत याचिका दायर करते हुए दलील दी कि उनके मुवक्किल का पीडीएस मामले से कोई संबंध नहीं है। इसलिए उन्हें जमानत दी जानी चाहिए। उन्होंने मल्लिक के खराब स्वास्थ्य का हवाला देते हुए याचिका के समर्थन में दलील भी दी।

पीएमएलए कोर्ट ने जमानत याचिका खारिज करते हुए कहा कि मामले में अगली सुनवाई 20 फरवरी को होगी।

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