November 4, 2025
National

जहरीली शराब मामले में कोर्ट ने आंध्र प्रदेश के पूर्व मंत्री जोगी रमेश और उनके भाई को न्यायिक हिरासत में भेजा

Court sends former Andhra Pradesh minister Jogi Ramesh and his brother to judicial custody in hooch case

जहरीली शराब मामले में गिरफ्तार वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के नेता और पूर्व मंत्री जोगी रमेश और उनके भाई जोगी रामू को अदालत ने सोमवार को 13 नवंबर तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया। रविवार को गिरफ्तार किए गए जोगी बंधुओं को सोमवार तड़के मजिस्ट्रेट के समक्ष उनके आवास पर पेश किया गया।

पुलिस रिमांड रिपोर्ट पर दलीलें सुनने के बाद मजिस्ट्रेट ने सुबह 5 बजे दोनों को न्यायिक हिरासत में भेजने का आदेश दिया। इसके बाद पुलिस दोनों को विजयवाड़ा जेल ले गई।

जहरीली शराब मामले की जांच कर रहे विशेष जांच दल (एसआईटी) ने रविवार तड़के एनटीआर जिले के इब्राहिमपट्टनम स्थित उनके आवास से जोगी रमेश को गिरफ्तार कर लिया। साथ ही उनके भाई रामू को भी गिरफ्तार कर लिया।

एसआईटी ने जोगी रमेश और उनके भाई से विजयवाड़ा स्थित आबकारी विभाग के कार्यालय में 12 घंटे तक पूछताछ की। आधी रात के आसपास उन्हें मेडिकल जांच के लिए सरकारी अस्पताल ले जाया गया और बाद में मजिस्ट्रेट के आवास पर उनके सामने पेश किया गया।

इस मामले के मुख्य आरोपी अडेपल्ली जनार्दन राव के बयान के आधार पर एसआईटी ने पूर्व मंत्री से पूछताछ की। राव ने आरोप लगाया था कि नकली शराब जोगी रमेश के निर्देशों पर बनाई गई थी।

पिछले महीने वायरल हुए एक वीडियो में जनार्दन राव ने कहा कि उन्होंने टीडीपी के नेतृत्व वाले एनडीए के सत्ता में आने के तुरंत बाद नकली शराब का उत्पादन बंद कर दिया था, लेकिन जोगी रमेश ने इस साल अप्रैल में उन्हें फोन कर नकली शराब बनाने के लिए कहा था।

मुख्य आरोपी ने यह भी दावा किया कि जोगी रमेश ने उसे अफ्रीका में एक डिस्टिलरी खोलने के लिए तीन करोड़ रुपए देने का आश्वासन दिया था।

जनार्दन राव ने पुलिस को बताया कि 2023 में जब जोगी रमेश मंत्री थे तो उन्होंने इब्राहिमपट्टनम में नकली शराब का उत्पादन शुरू किया था। अफ्रीका रवाना होने से पहले उसने 23 सितंबर को इब्राहिमपट्टनम स्थित जोगी रमेश से उनके घर पर मुलाकात की थी।

जोगी रमेश की गिरफ्तारी आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय में नकली शराब मामले की केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) से जांच की मांग वाली याचिका दायर करने के एक दिन बाद हुई।

उन्होंने आरोप लगाया कि गठबंधन सरकार जानबूझकर राजनीतिक कारणों से उन्हें इस मामले में फंसाने की कोशिश कर रही है। उन्होंने कहा कि राज्य पुलिस द्वारा की जा रही जांच पक्षपातपूर्ण और राजनीतिक रूप से प्रभावित है।

वाईएसआरसीपी नेता ने तर्क दिया कि केवल सीबीआई जैसी केंद्रीय एजेंसी ही निष्पक्ष जांच कर सकती है। उन्होंने उच्च न्यायालय से मुलकालाचेरुवु और भवानीपुरम पुलिस थानों में दर्ज दो एफआईआर की जांच सीबीआई को सौंपने का आदेश जारी करने का अनुरोध किया।

जोगी रमेश ने यह भी मांग की कि सीबीआई उनकी 15 अक्टूबर की शिकायत की जांच करे, जो उन्होंने पुलिस हिरासत में जनार्दन राव द्वारा दिए गए एक रिकॉर्डेड बयान के जारी होने के बाद दर्ज कराई थी। उन्होंने आरोप लगाया कि ऐसा लगता है कि वीडियो दबाव में रिकॉर्ड किया गया है।

वाईएसआरसीपी ने जोगी रमेश की गिरफ्तारी की निंदा की है और इसे अवैध बताया है। पार्टी अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी ने मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू पर आरोप लगाया कि वे नकली शराब मामले में अपनी और अपनी पार्टी के नेताओं की संलिप्तता से जनता का ध्यान हटाने के लिए गिरफ्तारी का सहारा ले रहे हैं।

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