तिरुवनंतपुरम, 30 दिसंबर । केरल में बंदरगाह विभाग शुक्रवार को शपथ लेने वाले नए मंत्री को नहीं दिया गया और इसके बजाय यह विभाग माकपा मंत्री वी.एन. वासवन को दे दिया गया, जो सहकारिता मंत्री हैं।
बंदरगाह विभाग अहमद देवरकोइल के पास था, जो अब मंत्री पद छोड़ देंगे और उनकी जगह अनुभवी कांग्रेस (एस) नेता कदनपल्ली रामचंद्रन लेंगे।
जब उनके पोर्टफोलियो की अधिसूचना आई, तो पोर्ट्स पोर्टफोलियो गायब था और इसे वासवन को दे दिया गया।
अनुभवी रामचंद्रन, जो पहली विजयन सरकार (2016-21) के दौरान बंदरगाह मंत्री थे, को छोटा मोटा पंजीकरण पोर्टफोलियो दिया गया।
अब अटकलें लगाई जा रही हैं कि रामचंद्रन को पोर्ट पोर्टफोलियो क्यों नहीं दिया गया। माना जा रहा है कि यह विझिंजम पोर्ट के पूरा होने के कारण है, जो दशकों से केरल का एक ड्रीम प्रोजेक्ट था, जो प्रसिद्ध पर्यटन स्थल कोवलम के पास बनाया जा रहा है।
योजना के अनुसार, विझिंजम में पहला कमर्शियल शिप अगले साल के अंत में बंदरगाह पहुंचेगा और माकपा को लगा कि इसका क्रेडिट एक छोटे सहयोगी दल को क्यों दिया जाय।
लेकिन एक और कारण ये बताया जा रहा है कि हाल ही में एक सार्वजनिक बैठक में वासवन ने मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन को ‘कर्म योगी’ बताया था। वासवन ने यह बात राजधानी में विजयन के नेतृत्व में पूरे राज्य मंत्रिमंडल की चल रही यात्रा के दौरान कही थी।
वासवन ने कहा कि एक दिवंगत ईसाई बिशप ने कहा था कि विजयन केरल के लिए भगवान का एक उपहार हैं।
वासवन ने कहा, “अब यह साबित हो गया है कि केरल ने विजयन को पूरे दिल से स्वीकार कर लिया है और वो एक ‘कर्म योगी’ हैं।”
हालांकि उन्होंने अगले दिन कहा: “मैंने उनकी तुलना भगवान से नहीं की है, मैंने सिर्फ बिशप के बयान को दोहराया है। लेकिन मैं बताना चाहता हूं कि विजयन एक अनुभवी और बड़े राजनीतिक नेता हैं, जिस तरह से वह राज्य की प्रगति के लिए काम कर रहे हैं, उसकी व्यापक सराहना की गई है।”
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