तिरुवनंतपुरम, 23 सितंबर । भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) की केरल इकाई कांग्रेस सांसद राहुल गांधी से आगामी लोकसभा चुनाव में वायनाड से चुनाव नहीं लड़ने का अनुरोध कर सकती है।
भाकपा की हाल ही में संपन्न राष्ट्रीय नेतृत्व की बैठक में इस आशय का निर्णय लिया गया। सूत्रों के अनुसार, अब इस निर्णय से आधिकारिक तौर पर कांग्रेस को अवगत कराया जाएगा।
सूत्रों के मुताबिक, भाकपा चाहती है कि गांधी भाजपा उम्मीदवार के खिलाफ चुनाव लड़ें।
भाकपा का मानना है कि चूंकि वह कांग्रेस के नेतृत्व वाले ‘इंडिया’ राजनीतिक मोर्चे की पूर्ण सहयोगी है, इसलिए सबसे पुरानी पार्टी को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि गांधी वायनाड से चुनाव न लड़ें।
भाकपा केरल में माकपा के नेतृत्व वाले वाम लोकतांत्रिक मोर्चे की दूसरी सबसे बड़ी सहयोगी है। वह वर्ष 2009 में इसके गठन के बाद से वायनाड सीट पर चुनाव लड़ती रही है। पिछले तीनों चुनावों में, कांग्रेस उम्मीदवार को आसानी से जीत मिली थी, खासकर 2019 में जब गांधी ने 4.31 लाख से अधिक वोटों के भारी अंतर से जीत दर्ज की थी।
हालांकि भाकपा अपना निर्णय बताने के लिए पूरी तरह तैयार है, लेकिन कांग्रेस सूत्रों ने अनुरोध पर विचार किए जाने पर संदेह व्यक्त किया है।
संयोग से केरल की 20 लोकसभा सीटों में से भाकपा चार पर चुनाव लड़ेगी। उसे 2019 के चुनावों में भारी हार का सामना करना पड़ा था, जब कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूडीएफ ने 19 सीटें जीती थीं। उनकी हार का एक कारण गांधी का वायनाड से चुनाव लड़ने का निर्णय लेना था।
सुझाव को खारिज करते हुए माकपा की केंद्रीय समिति के सदस्य और पूर्व राज्य मंत्री ए.के. बालन ने कहा कि चुनाव लड़ने का निर्णय केवल संबंधित राजनीतिक दलों द्वारा लिया गया है।
इस बीच, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के. सुधाकरन ने कहा कि भाकपा या उस मामले में कोई भी ‘सहयोगी’ यह तय नहीं कर सकता कि अन्य पार्टियों को क्या करना चाहिए।
उन्होंने कहा, ”गांधी वायनाड से ही चुनाव लड़ेंगे।”